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जून, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

hariyalo rajasthan अभियान राजस्थान ! जाने

हरियालो राजस्थान योजना राजस्थान सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका उद्देश्य राज्य को हरित और सुंदर बनाना है। इस योजना के तहत, राज्य सरकार वृक्षारोपण, जल संचयन और अन्य पर्यावरण संबंधी कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। *मुख्य उद्देश्य:* - राज्य में वृक्षारोपण को बढ़ावा देना और वन क्षेत्र को बढ़ाना - जल संचयन और जल संरक्षण को प्रोत्साहित करना - पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के लिए काम करना - राज्य को सुंदर और हरित बनाना *कार्यक्रम और गतिविधियाँ:* - वृक्षारोपण अभियान: राज्य सरकार वृक्षारोपण अभियान चला रही है, जिसमें लोगों को वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। - जल संचयन: राज्य सरकार जल संचयन के लिए विभिन्न कार्यक्रम चला रही है, जैसे कि वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण। - पर्यावरण संरक्षण: राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रही है, जैसे कि प्रदूषण नियंत्रण और वन संरक्षण। *लाभ:* - राज्य को हरित और सुंदर बनाने में मदद मिलेगी - पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलेगी - जल संचयन और जल संरक्षण में मदद मिलेगी - लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागर...

जेड प्लांट के फायदे [ scientific credible benefits of Jade plant ]

        _benifits of Jade plant__.                जेड प्लांट के बारे में एक बात मशहूर है कि यह प्लांट जहां भी लगाया जाता है वहां खुशियां अवश्य  लेकर आता है और जेड प्लांट को लकी प्लांट भी कहते हैं और जेड प्लांट की खूबियां यह है कि यदि आप जेड प्लांट को अपने घर की बालकनी टेरेस्ट पर लगाते हैं तो एक तो यह आपकी गार्डन की शोभा बढ़ाता है साथ ही साथ यह घर की पॉजिटिव एनर्जी को भी बढ़ाता है इस प्लांट को मनी प्लांट की तरह एक धन सुख समृद्धि का सूचक माना गया है यह मूल रूप से दक्षिण अफ्रीका का प्लांट है और विश्व भर के अंदर लोगों के द्वारा अपने घरों में सुशोभित किया जाता है | .           "crasula ovata" plant                     जेड प्लांट को पहचानने के लिए इसकी पत्तियां ओवल शेप में होती है और यह एक छोटे से पेड़ के रूप में होता है जैसे पेड़ में तना होता है उसी तरह जेड प्लांट में डालियां और तना होता है         तब हम बात करते हैं क...

राजस्थान के यूनेस्को द्वारा घोषित पर्यटन स्थल [ Unesco site's of rajasthan ]

राजस्थान के यूनेस्को द्वारा घोषित स्थल जो राजस्थान की शोभा बढ़ाते हैं उनके बारे में आज हम जानेंगे और वह हमारे आसपास कहां कहां कहां मौजूद है उनके बारे में हम पढ़ेंगे राजस्थान अपने राजस्थान अपने सांस्कृतिक और अमूल्य कलाओं के लिए प्रसिद्ध है और यहां के किले महल पूरे विश्व में अपनी अलग ही पहचान रखते हैं राजस्थान के वीरों की शौर्य गाथा है है तो सबने अपनी जीवन में उतारी है साथ ही साथ राजस्थान की  क्षत्राणी ने अपने आन बान और शान के लिए जो बलिदान दिए हैं वह इतिहास में दर्ज है राजस्थान अपनी अमूल्य धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है और विश्व में अपनी एक अलग ही पहचान बनाए हुए हैं तो यूनेस्को के द्वारा 8 रमणीय स्थल बताए हैं जिनकी हम आज जानकारी प्राप्त करें *1* चित्तौड़गढ़ दुर्ग - तो पहला जो दुर्ग है वह है चित्तौड़गढ़ दुर्ग तो यह दुर्ग उदयपुर जिले में मौजूद है और यह अपने विशालतम आकार और अपने उत्कृष्ट राजपूताना आर्किटेक्चर के लिए पहचाना गया है यह एक ऊंची पहाड़ी पर निर्मित दुर्ग है जो अपनी निर्माण कला के लिए विश्व प्रसिद्ध है इस दुर्ग को जल महल...

मनी प्लांट को लगाने की सही दिशा और मनी प्लांट के फायदे ( devil's ivy right direction and benefits of devil's ivy plant )

plant tips  मनी प्लांट भारतीय महादीप का बेल रूपी प्लांट है और यह बेल है और इसको बढ़ने के लिए सहारे की जरूरत होती है । इस प्लांट को पहचान बहुत ही आसान है क्योकि इसकी पत्तियो की आक्रति दिल के शेप में और एकांतर क्रम में होती है ।  मनी प्लांट कब लगाना चाहिए ? - मनी प्लांट को लगाने का सही समय बारिश के मौसम रहता है क्योकि ये प्लांट बेल ( लता रूपी) के रूप में फैलने वाला प्लांट है। इस पौधे को बुधवार के दिन व रेवती नक्षत्र में लगाना चाहिए। ध्यान रहे कि मनीप्लांट के पौधे की बेले कभी भी जमीन पर लटकनी नहीं चाहिए। इन बेलों को किसी डोर के माध्यम उपर जाना चाहिए | और हमेशा इसे घर के अंदर पूर्व दिशा में ही लगाना चाइये। मनी प्लांट लगाने से क्या होता है ? - इस दिशा में यह पौधा लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का भी लाभ मिलता है। मनीप्लांट को आग्नेय यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाने का कारण यह है कि इस दिशा के देवता गणेशजी हैं जबकि प्रतिनि‍धि शुक्र हैं। गणेशजी अमंगल का नाश करने वाले हैं जबकि शुक्र सुख-समृद्धि लाने वाले होते है.. इसलिए मनीप्लांट को आग्नेय दिशा में लगाना उचित ...

क्या सींग काटने से बचेंगे गेण्डे ?? ( South Africa dehorns dozens of Rhino to save them )

________ ◆इंसानी लालच के शिकार गेण्डे ◆_____ कोरोना के कारण वातावरण शुद्ध होने का समय मिला है और नदिया साफ होने लगी है और इंसानो को भी अपनी  गलतियां नज़र आने लगी है , परंतु एक जीव है जो lockdown की वजह से खतरे की कगार पर है । 'गेंडा' जी हां ये जिव लुप्तप्राय श्रेणी का जीव है और इस गेण्डे की संख्या अफ्रीका में 5600 के बराबर है । ये जिव जो की धरती का 3 करोड साल पुराना वासी है आज अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहा है।  आखिर क्यों?? को गेण्डे धरती पर लुप्त होने की कगार पर आ चुके है। इसका कारण है 'इंसानी लालच' गैंडो का शिकार - गेण्डे भारत में पाये जाते हैं और साथ में अफ्रीका में भी मौजूद है पर दोनों जगह ये लुप्त होने को  है इसका कारण है 'इंसानी शिकार' और उनका लालच । बीते वर्षो में हज़ारो गैंडो को सिर्फ उनके सींगो के लिए मार दिया जाता है क्यों गेण्डे के सींग 45 लाख रुपये किलो के बिकते है और शिकारी इस लिए गैंडो का शिकार करते है।  भारत और अफ्रीका में गैंडो के शिकार सिर्फ सींग के लिए होता है और सिंग से दवाइयों और सजावटी समान बनाया जाता है ज...

गुजरात में अफ्रीका : सिडी समुदाय के लोग

गुजरात में अफ्रीका - भारत में प्राचीन समय से अफ्रीका से लोगो का  आना जाना रहा है और उनमे से कुछ तो यहाँ  भारत में बस भी चुके है । मूल अफ़्रीकी -   गुजरात में रहने वाले सीडी समुदाय के लोग जो की मूल अफ़्रीकी है बरसो से गुजरात के गिर और जूनागढ़ इलाके में बसे है , कुछ गांव तो सारे के सरे इन्ही के है  गुजरात के इन इलाको में रहते हुए ये अपनी भाषा  गुजराती और हिंदी ही जानते है। आबादी और विशेषता - इनकी आबादी 13000 है और ये ज्यादा पढ़े लिखे नही है और मज़दूरी करते है। सिडी समुदाय के लोग मुस्लिम है , इस समुदाय के लोगो का 'धमाल न्रत्य' बहुत ही मश्हूर है। तो भारत की विविधता इस प्रकार है की एक मिनी अफ्रीका गुजरात में बसा है ।