हरियालो राजस्थान योजना राजस्थान सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका उद्देश्य राज्य को हरित और सुंदर बनाना है। इस योजना के तहत, राज्य सरकार वृक्षारोपण, जल संचयन और अन्य पर्यावरण संबंधी कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। *मुख्य उद्देश्य:* - राज्य में वृक्षारोपण को बढ़ावा देना और वन क्षेत्र को बढ़ाना - जल संचयन और जल संरक्षण को प्रोत्साहित करना - पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के लिए काम करना - राज्य को सुंदर और हरित बनाना *कार्यक्रम और गतिविधियाँ:* - वृक्षारोपण अभियान: राज्य सरकार वृक्षारोपण अभियान चला रही है, जिसमें लोगों को वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। - जल संचयन: राज्य सरकार जल संचयन के लिए विभिन्न कार्यक्रम चला रही है, जैसे कि वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण। - पर्यावरण संरक्षण: राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रही है, जैसे कि प्रदूषण नियंत्रण और वन संरक्षण। *लाभ:* - राज्य को हरित और सुंदर बनाने में मदद मिलेगी - पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलेगी - जल संचयन और जल संरक्षण में मदद मिलेगी - लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागर...
_____चाँद पर वायुमंडल_____
विज्ञान की दुनिया अनोखी और रोचक है यह जितनी देखी खोजी जाती है उतना ही इसमें विस्तार आता जाता है यह उसी तरह है जेसे हम रेत के पर्वत का एक कण उठा रहे हो । विज्ञान जितना मजेदार और रोचक है उतना समझने वाला विषय भी है तो आज का विषय है अपने "चाँद का वायुमंडल" |
हा तो क्या वायुमंडल है ? अगर है तो वह दिखाई क्यों नही देता है और अगर नही है तो उसके पीछे का वैज्ञानिक कारण क्या है ?? यही सब आज हम जानेंगे !!
पहले तो आप सब को पता होगा की वायुमंडल है क्या 'वायुमंडल एक गैसों का समूह है जो ग्रह के चारो और मौजूद रहता है और एक परत बनाता है और वह परत घनत्व में अलग अलग होती है जेसे जेसे हम वायुमंडल में घुसते चले जाते है वह परत उतनी सघन होती चली जाती है जेसे आप समझ ही गए होंगे की जेसे जेसे धरती के ऊपर जाते है हवा की सघनता घटती जाती है क्योकि वहाँ कई गेंस मौजूद नही रहती है जेसे 'ऑक्सीजन' ।
अब वायुमंडल क्यों और कैसे बनता है जब किसी ग्रह का गुरुत्व का आकर्षण लगता है और उसके भीतर गैसों के कण गति करते है तो उनकी गति के कारण वेग उत्पन्न होता है और अगर वह वेग उस ग्रह के पलायन वेग से ज्यादा हो जाते है तो वह गैस के कण उस ग्रह के बाहर निकल जाते है अब ये पलायन वेग क्या है?
पलायन वेग वह वेग है जो किसी कण को बाह्य सौर मंडल में जाने के लिए किसी कण को चाइए होता है |
धरती का पलायन वेग 11.2km/sec है और धरती पर मौजूद गैसों का वेग लगभग 3 या 2 km/sec होगा जो उन्हें पलायन करने के बराबर वेग नही दे पाता है और वे वही रह जाती है वायुमंडल का निर्माण करती है ।
अब आती है चाँद की बात तो चाँद का पलायन वेग तो वहाँ गुरुत्व का आकर्षण कम होना के कारण पलायन वेग 2.5 km/sec* के आसपास है (वैज्ञानिक मान नही है) और वहाँ की गैसों का वेग 3 या 4km/sec है जो आसानी से सौर मंडल में पलायन कर सकती है इसलिए वे वहाँ वायुमंडल नही बना पाते है
और यही कारण है की चाँद का वायुमंडल नही बन पाता है |
अब वायुमंडल क्यों और कैसे बनता है जब किसी ग्रह का गुरुत्व का आकर्षण लगता है और उसके भीतर गैसों के कण गति करते है तो उनकी गति के कारण वेग उत्पन्न होता है और अगर वह वेग उस ग्रह के पलायन वेग से ज्यादा हो जाते है तो वह गैस के कण उस ग्रह के बाहर निकल जाते है अब ये पलायन वेग क्या है?
पलायन वेग वह वेग है जो किसी कण को बाह्य सौर मंडल में जाने के लिए किसी कण को चाइए होता है |
धरती का पलायन वेग 11.2km/sec है और धरती पर मौजूद गैसों का वेग लगभग 3 या 2 km/sec होगा जो उन्हें पलायन करने के बराबर वेग नही दे पाता है और वे वही रह जाती है वायुमंडल का निर्माण करती है ।
अब आती है चाँद की बात तो चाँद का पलायन वेग तो वहाँ गुरुत्व का आकर्षण कम होना के कारण पलायन वेग 2.5 km/sec* के आसपास है (वैज्ञानिक मान नही है) और वहाँ की गैसों का वेग 3 या 4km/sec है जो आसानी से सौर मंडल में पलायन कर सकती है इसलिए वे वहाँ वायुमंडल नही बना पाते है
और यही कारण है की चाँद का वायुमंडल नही बन पाता है |
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