हरियालो राजस्थान योजना राजस्थान सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका उद्देश्य राज्य को हरित और सुंदर बनाना है। इस योजना के तहत, राज्य सरकार वृक्षारोपण, जल संचयन और अन्य पर्यावरण संबंधी कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। *मुख्य उद्देश्य:* - राज्य में वृक्षारोपण को बढ़ावा देना और वन क्षेत्र को बढ़ाना - जल संचयन और जल संरक्षण को प्रोत्साहित करना - पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के लिए काम करना - राज्य को सुंदर और हरित बनाना *कार्यक्रम और गतिविधियाँ:* - वृक्षारोपण अभियान: राज्य सरकार वृक्षारोपण अभियान चला रही है, जिसमें लोगों को वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। - जल संचयन: राज्य सरकार जल संचयन के लिए विभिन्न कार्यक्रम चला रही है, जैसे कि वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण। - पर्यावरण संरक्षण: राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रही है, जैसे कि प्रदूषण नियंत्रण और वन संरक्षण। *लाभ:* - राज्य को हरित और सुंदर बनाने में मदद मिलेगी - पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलेगी - जल संचयन और जल संरक्षण में मदद मिलेगी - लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागर...
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अधिकतर बच्चों का सवाल होता है की सूर्य से श्वेत प्रकाश आता है तो हमें आकाश नीला क्यों दिखाई देता है ?
बच्चों का यह सवाल लाज़मी भी है क्योकि सूर्य सफ़ेद प्रकाश ही किरणों के रूप में उत्सर्जित करता है
सूर्य के उस श्वेत प्रकाश में दोस्तों सात रंग का मिश्रण होता है
वे है- violet , indigo, blue, green,yellow, orange,red,
तो दोस्तों जो voilet है उसकी तरंग परास सबसे कम होते है और ये जल्दी ही फेल जाता है वातावरण में वही आगे बढ़ते जाने पर लाल रंग की तरंग परास सबसे ज्यादा होते है जिससे ये वातावरण में फैलता नही है
तो जो सूर्य का प्रकाश सूर्य से हमे मिलता है वो पृथ्वी के वातावरण में आता है और उसमे उपस्थित किरणों से टकराता है जहाँ कम परास वाला प्रकाश फेल जाता है और अधिक वाला नही फैलता अत जब प्रकाश हमारी आखो तक आता है तो आकाश में फेला हुआ नीला प्रकाश ही हमे दीखता है जो सूर्य से आने पर फेल गया था
और बाकि अन्य रंग उसी श्वेत प्रकाश का हिस्सा रहता है
लेकिन जब सूर्य उगते समय ओर सूर्यास्त के समय जो सूर्य ओर पिरथ्वी की दुरी है वो वहुत ज्यादा बढ़ जाती है
तो श्वेत प्रकाश फेल जाता और सभी रंग फैलते अंत में लाल कम फैलता है और नील आकाश में सूरज लाल दिखाई दे जाता है
ये सभी प्रकरण हमे "प्रकाश के अपवर्तन" के वजह से दीखते है
अपवर्तन : प्रकाश का एक माध्यम 1 से दूसरे माध्यम में जाने पर अपना पथ विचलित हो जाता है अपवर्तन कहलाता है
अर्थार्त विरल से सघन में जाने पर वह कुछ कोण पर झुक जाता है और सघन से विरल में जाने पर कुछ कोण से उठ जाता है .....
अधिकतर बच्चों का सवाल होता है की सूर्य से श्वेत प्रकाश आता है तो हमें आकाश नीला क्यों दिखाई देता है ?
बच्चों का यह सवाल लाज़मी भी है क्योकि सूर्य सफ़ेद प्रकाश ही किरणों के रूप में उत्सर्जित करता है
सूर्य के उस श्वेत प्रकाश में दोस्तों सात रंग का मिश्रण होता है
वे है- violet , indigo, blue, green,yellow, orange,red,
तो दोस्तों जो voilet है उसकी तरंग परास सबसे कम होते है और ये जल्दी ही फेल जाता है वातावरण में वही आगे बढ़ते जाने पर लाल रंग की तरंग परास सबसे ज्यादा होते है जिससे ये वातावरण में फैलता नही है
तो जो सूर्य का प्रकाश सूर्य से हमे मिलता है वो पृथ्वी के वातावरण में आता है और उसमे उपस्थित किरणों से टकराता है जहाँ कम परास वाला प्रकाश फेल जाता है और अधिक वाला नही फैलता अत जब प्रकाश हमारी आखो तक आता है तो आकाश में फेला हुआ नीला प्रकाश ही हमे दीखता है जो सूर्य से आने पर फेल गया था
और बाकि अन्य रंग उसी श्वेत प्रकाश का हिस्सा रहता है
लेकिन जब सूर्य उगते समय ओर सूर्यास्त के समय जो सूर्य ओर पिरथ्वी की दुरी है वो वहुत ज्यादा बढ़ जाती है
तो श्वेत प्रकाश फेल जाता और सभी रंग फैलते अंत में लाल कम फैलता है और नील आकाश में सूरज लाल दिखाई दे जाता है
ये सभी प्रकरण हमे "प्रकाश के अपवर्तन" के वजह से दीखते है
अपवर्तन : प्रकाश का एक माध्यम 1 से दूसरे माध्यम में जाने पर अपना पथ विचलित हो जाता है अपवर्तन कहलाता है
अर्थार्त विरल से सघन में जाने पर वह कुछ कोण पर झुक जाता है और सघन से विरल में जाने पर कुछ कोण से उठ जाता है .....
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