हरियालो राजस्थान योजना राजस्थान सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका उद्देश्य राज्य को हरित और सुंदर बनाना है। इस योजना के तहत, राज्य सरकार वृक्षारोपण, जल संचयन और अन्य पर्यावरण संबंधी कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। *मुख्य उद्देश्य:* - राज्य में वृक्षारोपण को बढ़ावा देना और वन क्षेत्र को बढ़ाना - जल संचयन और जल संरक्षण को प्रोत्साहित करना - पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के लिए काम करना - राज्य को सुंदर और हरित बनाना *कार्यक्रम और गतिविधियाँ:* - वृक्षारोपण अभियान: राज्य सरकार वृक्षारोपण अभियान चला रही है, जिसमें लोगों को वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। - जल संचयन: राज्य सरकार जल संचयन के लिए विभिन्न कार्यक्रम चला रही है, जैसे कि वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण। - पर्यावरण संरक्षण: राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रही है, जैसे कि प्रदूषण नियंत्रण और वन संरक्षण। *लाभ:* - राज्य को हरित और सुंदर बनाने में मदद मिलेगी - पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलेगी - जल संचयन और जल संरक्षण में मदद मिलेगी - लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागर...
स्वस्थ जीवन स्वस्थ खानपान से ही शुरू होता है यदि आप अपने जीवन को रोगों से बचाना है तो स्वस्थ खानपान की आदत डाल लेनी चाइये
तो आज आपको दही के खानपान का उचित तरीका बतायेगे
दही का खानपान -
दही स्वास्थ्य का हितकारी है। यदि व्यक्ति रोज एक कटोरी दही खाता है तो उसकी पाचन क्रिया सही रहती है। दही में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन पाए जाते हैं। लेकिन आप दही किस तरह खा रहे हैं, यह भी मायने रखता है। बहुत सारे लोग दही में नमक डाल कर खाना पसंद करते हैं। लेकिन यहां दही और नमक से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे। दही एक प्रकार की आयुर्वेदिक औषधि है जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद सिद्ध होती है। लेकिन दही में हमें भूल से भी नमक मिलाकर नहीं खाना चाहिए। दही को हमेशा मीठी चीजों जैसे कि चीनी, गुड़, बूरा, मिश्री आदि के साथ खाना चाहिए।
दही के अंदर के बैक्टिरिया ( गुड बैक्टिरिया ) -
दही में ऐसे कई बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जिसे किसी मैग्निफाइंग ग्लास के साथ या लेंस के साथ देखें तो हमें उस पर हजारों बैक्टीरिया तैरते नजर आएंगे। गौरतलब है कि यह सभी बैक्टीरिया जीवित अवस्था में आपको दिखाई देंगे। यह सभी बैक्टीरिया हमारे शरीर में प्रवेश करके एंजाइम प्रोसेस को काबू में रखते हैं जिससे भोजन जल्दी पच जाता है और पेट से जुड़ी कई प्रकार की समस्याएं दूर रहती हैं।
लेकिन यदि आप दही में नमक मिला देंगे तो सारे जीवित बैक्टीरिया मर जाएंगे जो कि बैक्टीरियल गुणों को खत्म कर देंगे और इस तरह का दही खाना हमारे किसी काम का नहीं रहेगा। लगभग एक कप दही में भी करोड़ों जीवाणु मौजूद रहते हैं जिनका आपके पेट के अंदर जाना काफी फायदेमंद साबित होता है। मगर एक चुटकी भर नमक भी इन सारे गुणों को नष्ट करने की ताकत रखता है।
दही के गुणों को कैसे बढ़ाये -
दही में ऐसी चीजें मिलानी चाहिए जिससे जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि हो, ना कि ऐसी चीजें जो इनकी संख्या घटाये। इसलिए जब भी आप दही खाएं उसमें कुछ मीठा अवश्य मिलाएं। दही में चीनी या गुड़ डालकर खाने की आदत डालें। यह दही में जीवाणुओं की संख्या को बढ़ा देगा। वहीं मिश्री के साथ खाया गया दही सबसे बेहतर होता है और शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है|
तो आज आपको दही के खानपान का उचित तरीका बतायेगे
दही का खानपान -
दही स्वास्थ्य का हितकारी है। यदि व्यक्ति रोज एक कटोरी दही खाता है तो उसकी पाचन क्रिया सही रहती है। दही में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन पाए जाते हैं। लेकिन आप दही किस तरह खा रहे हैं, यह भी मायने रखता है। बहुत सारे लोग दही में नमक डाल कर खाना पसंद करते हैं। लेकिन यहां दही और नमक से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे। दही एक प्रकार की आयुर्वेदिक औषधि है जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद सिद्ध होती है। लेकिन दही में हमें भूल से भी नमक मिलाकर नहीं खाना चाहिए। दही को हमेशा मीठी चीजों जैसे कि चीनी, गुड़, बूरा, मिश्री आदि के साथ खाना चाहिए।
दही के अंदर के बैक्टिरिया ( गुड बैक्टिरिया ) -
दही में ऐसे कई बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जिसे किसी मैग्निफाइंग ग्लास के साथ या लेंस के साथ देखें तो हमें उस पर हजारों बैक्टीरिया तैरते नजर आएंगे। गौरतलब है कि यह सभी बैक्टीरिया जीवित अवस्था में आपको दिखाई देंगे। यह सभी बैक्टीरिया हमारे शरीर में प्रवेश करके एंजाइम प्रोसेस को काबू में रखते हैं जिससे भोजन जल्दी पच जाता है और पेट से जुड़ी कई प्रकार की समस्याएं दूर रहती हैं।
लेकिन यदि आप दही में नमक मिला देंगे तो सारे जीवित बैक्टीरिया मर जाएंगे जो कि बैक्टीरियल गुणों को खत्म कर देंगे और इस तरह का दही खाना हमारे किसी काम का नहीं रहेगा। लगभग एक कप दही में भी करोड़ों जीवाणु मौजूद रहते हैं जिनका आपके पेट के अंदर जाना काफी फायदेमंद साबित होता है। मगर एक चुटकी भर नमक भी इन सारे गुणों को नष्ट करने की ताकत रखता है।
दही के गुणों को कैसे बढ़ाये -
दही में ऐसी चीजें मिलानी चाहिए जिससे जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि हो, ना कि ऐसी चीजें जो इनकी संख्या घटाये। इसलिए जब भी आप दही खाएं उसमें कुछ मीठा अवश्य मिलाएं। दही में चीनी या गुड़ डालकर खाने की आदत डालें। यह दही में जीवाणुओं की संख्या को बढ़ा देगा। वहीं मिश्री के साथ खाया गया दही सबसे बेहतर होता है और शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है|
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