अब इन पशु संपदा का बेचना और खरीदने के लिए राजस्थान में पशु मेले आयोजित होते है ताकि उत्कृष्ट पशु का बेचने और खरीदना हो सके और ये व्यापारी और किसान वर्ग की अतिरिक्त आय का जरिया भी बनते है।
राजस्थान में दस पशु मेले आयोजित होते है।
ये पशुपालन विभाग द्वारा आयोजित करवाए जाते है
जानते है कोन कोन से पशु मेले है
1. गोगामेड़ी पशु मेला , हनुमानगढ़ में आयोजित होता है ये मेला गाय जिनमे राठी प्रमुख है और मुर्रा भैंसो और नाली नसल की भेड़ों की लिए विख्यात है। ये मेला सबसे लंबा चलने वाला पशु मेला भी है ।
2. मल्लीनाथ पशु मेला, तिलवाड़ा में आयोजित होता है जोकि बाड़मेर में पड़ता है। ये मेला इसलिए भी प्रसिद्ध है क्योंकि ये राजस्थान का सबसे प्राचीन पशु मेला है।
ये गाय थारपारकर, कंकरेज के लिए और मलानी नसल के घोड़ों के लिए प्रसिद्ध है।
3. वीर तेजा पशु मेला जो परबतसर नागौर में आयोजित होता है। ये मेला आय के मामले में सबसे बड़ा मेला है।
4. पुष्कर मेला जिसेे कार्तिक मेंला भी कहते हैै ये मेला पशु संख्या से सबसे बड़ा पशु मेला है।
5. रामदेव पशु मेला ,मानासर नागौर
6. चंद्रभागा का पशु मेला, जो की झालरापाटन में लगता है।
7. महाशिवरात्रि पशु मेला करौली में
8.बलदेव पशु मेला, मेड़ता नागौर में
9.जसवंत पूरा का पशु मेला भरतपुर में, जो मेवाती ,रथ आदि नस्ल के पशु के लिए प्रसिद्ध है।
10. गोमती सागर पशु मेला झालावाड़ जो मालवी जमनापारी सोनारी नसल के लिए प्रसिद्ध है।