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क्या दूसरे ग्रह के लोग धरती पर मौजूद है या थे ??

विज्ञान की दुनिया एक असीम असंख्य सीमा का ज्ञान है , जहा जा पाना और उसे पा पाना उसी तरह असंभव सा लगता है जैसे सूरज के पास जा पाना ।  अब आज का विज्ञान ब्रह्मांड के दूसरे संजीवो को खोजने में लगा है,और धरती के लगभग सभी अंतरिक्ष अनुसंधान वाले मंगल तक पहुंच चुके है । लेकिन अभी भी एलियन की खोज होना बाकी है जिसे अभी कपोल कल्पना ही माना है लेकिन सोचने की बात ये है की धरती पर मानव है उसी तरह इस ब्रह्मांड की कोई और धरती होगी और वहा के वासी भी होगे । और हो सके तो उनकी पहुंच अपनी धरती तक हो गई हो जो हमारे बीच ही रह रहे हो जैसे की जासूस ?? क्या जाने इसमें कितनी सचाई है या मेरी कल्पना बाकी उनकी कहानियां इन दिनों बहुत सी जगह सुनने में आती है सबसे ज्यादा अमेरिका तो क्या अमेरिका के एलियन से कोई संबंध या एलियन का उस धरती से सीधा जुड़ाव लगता है। सुनने में हैरान करता है की वहा की फिल्मों में इस तरह की चीज़े दिखाई गई है जैसे की "Men in black" और "Stranger things" में । बाकी आप अपनी राय जरूर बताएं ।

Air embolism : क्या इंजेक्शन में बुलबुला मार सकता है ?? Air bubble in injection kills you

दोस्तों अगर आप कभी डॉक्टर के पास गए हो या कभी किसी मरीज़ के इंजेक्शन लगाते हुए देखा है , तो आपने एक बात को गौर किया होगा । ऐसा देखा गया है कि जब भी किसी को इंजेक्शन लगाया जाता है तो इंजेक्शन लगाने से पहले सीरिंज से थोड़ी सी दवा बाहर निकाल दी जाती है। तो दोस्तों ऐसा करने का कारण ये है कि इंजेक्शन में जो हवा के बुलबुले होते हैं उन्हें बाहर निकालना आवश्यक होता है क्योकि यदि हवा के इन बुलबुलों को सीरिंज से न निकाला जाये तो ये हवा के बुलबुले रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध कर सकते हैं, रोक देते है और इसे डॉक्टर की लापरवाही माना जाता है , इसे चिकित्सा विज्ञान में एयर ऐम्बॉलिज्म का नाम दिया गया है। ये एक सामान्य प्रक्रिया है किन्तु मानव शरीर के लिए अत्यन्त घातक सिद्ध हो सकती है। ये ठीक वैसा ही है जैसे पानी के पाइप में पत्थर, या किसी प्रकार के कचरे का फंस जाना और यदि कचरा छोटा होता है तो पानी के प्रवाह से निकल सकता है किन्तु यदि ये बड़ा हुआ तो पानी का प्रवाह बंद कर सकता है। ठीक इसी प्रकार यदि इन बुलबुलों का आकार अत्यन्त सुक्ष्म है या ये कहीं फँसता नहीं है तो कोई भी समस्या नहीं परन्तु यदि ये बुलबुले आक

Benifits of eating flax seed (ayurveda) अलसी खाने के फायदे आयुर्वेद से

अलसी के फायदे ( benefits of flaxseeds) हम आपको स्वास्थ्य, त्वचा और बालों के लिए अलसी के फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं लेकिन इससे पहले कि हम आपको यह बताएं की अलसी के क्या फायदे हैं आपको यह जान लेना बेहद जरूरी है अलसी हमारे सेहत को तंदुरुस्त करने के लिए किस तरह से कार्य करता है सही टाइम पर संतुलित खाना न खाने और बेवक्त सोने से शरीर बीमारियों का घर बना देता है। ऐसे में जरूरी है कि आप वक्त रहते अपने सेहत पर ध्यान दें और अपने डाइट में सेहतमंद खाने को शामिल करें। ऐसे में अलसी एक अच्छा उपाय है। अब देर किसी बात की, अलसी के फायदों को पढ़ें और इसे अपने डाइट में जरूर शामिल करें। वजन को कम करने के लिए : हमारी दिनचर्या का ज्यादा से ज्यादा समय कंप्यूटर, लेपटॉप और मोबाइल के सामने गुजरता है इससे वजन कब बढ़ने लगता है इसका पता ही नहीं चलता की वजन कब बढ़ गया काम में अत्यधिक व्यस्तता होना और खान-पान पर विशेष ध्यान ना दे पाना जिसके वजह से वजन में असमान्य रूप से बढ़ोतरी हो जाती है । जिसकी वजह से शरीर को तमाम तरह की बीमारियां घेर लेती हैं यदि नियमित रूप से खाने के साथ अलसी का सेवन किया जाए तो इन समस्य

How to lose weight without working hard ,वजन कम कैसे करे मेहनत की के साथ खानपान से

1. बादाम बादाम में अच्छी मात्रा में स्वास्थ्यवर्धक फैट उपलब्ध होता है।इसमें मौजूद POLYUNSATURATED और MONOUNSATURATED फैट ओवर ईटिंग से बचाता है।दरअसल, बादाम भूख को दबाने का काम करता है।साथ ही ये दिल संबंधी बीमारियों को दूर रखने में भी मददगार है।इसमें हाई फाइबर की मौजूदगी एक लंबे समय तक आपको भूख का एहसास नहीं होने देती है। ऐसे में अगर आप फैट बढ़ाने वाले स्नैक्स खाते हैं तो उसकी जगह रोस्टेड बादाम का इस्तेमाल शुरू करें। 2. तरबूज पेट की चर्बी कम करने के लिए तरबूज एक बहुत आसान और कारगर उपाय है। इसमें 91 प्रतिशत पानी होता है और जब आप इसे खाने से पहले खाते हैं तो आप पहले से ही भरा हुआ महसूस करते हैं। इसमें विटामिन बी-1, बी-6 और सी पर्यापत मात्रा में उपलब्ध होता है. साथ ही पोटैशियम और मैग्नीशि‍यम भी। एक स्टडी के अनुसार, हर रोज दो गिलास तरबूज का जूस पीने से आठ सप्ताह में पेट के आस-पास की चर्बी घट जाती है। 3. बीन्स आहार में प्रतिदिन अलग-अलग तरह की बीन्स का सेवन करने से भी चर्बी घटती है। साथ ही इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं और पाचन क्रिया भी सही रहती है।बीन्स की खासियत ये है कि ये लंबे समय तक आप

ज्यादा चलने या अनियंत्रित दौड़ने से भी घुटनों का दर्द बढ़ सकता है : सेहत अनुभव

चलने या दौड़ने से आप के घुटनों में दर्द हो सकता है। आप के पैरों पर सुजन आ सकती है। आप के गलूटस में दर्द रह सकता है। आप के पैरों की एड़ियों में दर्द की शिकायत हो सकती है। आप के टखने( ऐंकल) पर रक्त की मात्रा ऊपर-नीचे होने से वहाँ की त्वचा का रंग काला पड़ सकता है।धीरे-धीरे वह रंग घुटनों तक बढ़ सकता है। इसलिए अगर आप का चलना या दौड़ना ज़्यादा हो तो आप नियमित रूप से पैरों के व्यायाम करे।समय समय पर पौष्टिक आहार लेते रहे। थोड़ा भी दर्द महसूस हो तो तुरंत फ़िज़ीओथेरपिस्ट से अपनी जाँच करके उसका इलाज करवाए। अगर हम इसे नज़रअन्दाज़ करेंगे तो आगे जाकर तकलीफ़ बढ़ने के आसार होते है।

दही खाने के लाभ, नमक मिला के कभी न खाये ( curd nutrition )

स्वस्थ जीवन स्वस्थ खानपान से ही शुरू होता है यदि आप अपने जीवन को रोगों से बचाना है तो स्वस्थ खानपान की आदत डाल लेनी चाइये तो आज आपको दही के खानपान का उचित तरीका बतायेगे दही का खानपान - दही स्वास्थ्य का हितकारी है। यदि व्यक्ति रोज एक कटोरी दही खाता है तो उसकी पाचन क्रिया सही रहती है। दही में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन पाए जाते हैं। लेकिन आप दही किस तरह खा रहे हैं, यह भी मायने रखता है। बहुत सारे लोग दही में नमक डाल कर खाना पसंद करते हैं। लेकिन यहां दही और नमक से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे। दही एक प्रकार की आयुर्वेदिक औषधि है जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद सिद्ध होती है। लेकिन दही में हमें भूल से भी नमक मिलाकर नहीं खाना चाहिए। दही को हमेशा मीठी चीजों जैसे कि चीनी, गुड़, बूरा, मिश्री आदि के साथ खाना चाहिए। दही के अंदर के बैक्टिरिया ( गुड बैक्टिरिया ) - दही में ऐसे कई बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जिसे किसी मैग्निफाइंग ग्लास के साथ या लेंस के साथ देखें तो हमें उस पर हजारों बैक्टीरिया तैरते नजर आएंगे। गौरतलब है कि यह सभी बैक्

योग दिवस : ऐसा योग जो आपके सारे रोगों को मिटने में सहायक हैं

अनुलोम विलोम, एक तरफ की नासिका से श्वास लेना दूसरी को बंद करके, फिर एक पल ठहर कर पहली नासिका को बंद कर बेहद धीमी गति से दूसरी नासिका से श्वास छोड़ना। फिर दूसरी से श्वास लेना, ठहरना और पहली से छोड़ देना। कम से कम दस बार करें।  ये इतना सरल है कि कोई बीमार व्यक्ति भी सोए हुए कर सकता है।कई बीमारियों में फायदेमंद है, जैसे तनाव, उच्च रकतचाप, गठिया, हृदय की बीमारियों में, साइनस। इसके कोई दुष प्रभाव नहीं है।