हरियालो राजस्थान योजना राजस्थान सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका उद्देश्य राज्य को हरित और सुंदर बनाना है। इस योजना के तहत, राज्य सरकार वृक्षारोपण, जल संचयन और अन्य पर्यावरण संबंधी कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। *मुख्य उद्देश्य:* - राज्य में वृक्षारोपण को बढ़ावा देना और वन क्षेत्र को बढ़ाना - जल संचयन और जल संरक्षण को प्रोत्साहित करना - पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के लिए काम करना - राज्य को सुंदर और हरित बनाना *कार्यक्रम और गतिविधियाँ:* - वृक्षारोपण अभियान: राज्य सरकार वृक्षारोपण अभियान चला रही है, जिसमें लोगों को वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। - जल संचयन: राज्य सरकार जल संचयन के लिए विभिन्न कार्यक्रम चला रही है, जैसे कि वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण। - पर्यावरण संरक्षण: राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रही है, जैसे कि प्रदूषण नियंत्रण और वन संरक्षण। *लाभ:* - राज्य को हरित और सुंदर बनाने में मदद मिलेगी - पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलेगी - जल संचयन और जल संरक्षण में मदद मिलेगी - लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागर...
मानव ने धरती की असंख्य संभावनाओं को खोजते हुए ब्रह्मांड की अन्य जीवन की संभावनाओं को खोजना शुरू कर दिया है विज्ञान की तरक्की ने जीवन के खोजने को सरल बना दिया है लेकिन यह उतना सरल नही है । हमारे सौरमंडल मिल्की वे के एक छोर पर स्थित है और यह उन करोड़ों सौर मंडलों की भांति इस केंद्रीय शक्ति के चारो और चक्कर लगा रहा है जिसे पूरा होने में करोड़ो वर्षो लगभग 25 करोड़ वर्ष का समय लग जाता है। आकाशगंगा हमारे वेदों में जिसे दूध का झरना कहा है और इसका वर्णन सभी प्राचीन साहित्यों में मिल जाता है। हम जीवन को धरती के अलावा बसाने के लिए प्रयासरत है और विज्ञान धरती के नजदीक के ग्रह मंगल पर पानी की खोज को मानते है । अगर धरती के अलावा मानव बस्ती बसाने के बारे में सोचते है तो वह मंगल ग्रह पहला ग्रह है । आकाशगंगा का चक्रण एक सर्पिल आकार में घूमता है। सौरमंडल और इसके जैसे अन्य सौरमंडल इसी चक्र में घूमते है तो ये भी हो सकता है की धरती जैसा अन्य ग्रह इसी आकाश गंगा में मिल जाए। विज्ञान नए नए खोजों का क्षेत्र है और इसी वजह से मानव जीवन की संभावनाओं को आकाशगंगा में खोज ले।