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how to increase height fast ( tips and diet ) : ayurveda tips for height


How to increase height and problem behind it -
 Hello dear friends today blog is about to grow height .
Height on Genetics -
  Dear friends every person whose height is short they want to increase it . But friend human body is related to genetics and if our parents height is short we also have low height but we grow above their height .
Genetics rule height and we didn't do anything in this.

 Diet problem for height
Dear friends one reason behind the low height is diet .in younger age if we lose take proper diet according to our body as protein and fat and vitamin they create effect on our height grow.
So how we solve that take a proper diet plan of protein and other things like calcium intake and many more.

Excercise for grow height -
 Friends you do hanging excercise and some yoga like हलासन, उत्तानपादासन, that will strech your backbone and increase your muscle growth.
You go also to gym training that will surely grow your height to 1 inches
Food and supplement - you take pane'er ,soya, and some eggs to grow height also eat plenty of vegetables and water intake also helps you to grow height

Ayurveda tips for grow height
- ayurveda tips to grow height to use ashvagandha and shatavari in night with milk ( around 1 tablespoon ) before sleep and do regular excercise will helps you to increase height.
यह सब आप एक बार चिकित्सक की सलाह से ही ले।

Air embolism : क्या इंजेक्शन में बुलबुला मार सकता है ?? Air bubble in injection kills you

दोस्तों अगर आप कभी डॉक्टर के पास गए हो या कभी किसी मरीज़ के इंजेक्शन लगाते हुए देखा है , तो आपने एक बात को गौर किया होगा ।

ऐसा देखा गया है कि जब भी किसी को इंजेक्शन लगाया जाता है तो इंजेक्शन लगाने से पहले सीरिंज से थोड़ी सी दवा बाहर निकाल दी जाती है। तो दोस्तों ऐसा करने का कारण ये है कि इंजेक्शन में जो हवा के बुलबुले होते हैं उन्हें बाहर निकालना आवश्यक होता है क्योकि यदि हवा के इन बुलबुलों को सीरिंज से न निकाला जाये तो ये हवा के बुलबुले रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध कर सकते हैं, रोक देते है और इसे डॉक्टर की लापरवाही माना जाता है ,
इसे चिकित्सा विज्ञान में एयर ऐम्बॉलिज्म का नाम दिया गया है। ये एक सामान्य प्रक्रिया है किन्तु मानव शरीर के लिए अत्यन्त घातक सिद्ध हो सकती है। ये ठीक वैसा ही है जैसे पानी के पाइप में पत्थर, या किसी प्रकार के कचरे का फंस जाना और यदि कचरा छोटा होता है तो पानी के प्रवाह से निकल सकता है किन्तु यदि ये बड़ा हुआ तो पानी का प्रवाह बंद कर सकता है।

ठीक इसी प्रकार यदि इन बुलबुलों का आकार अत्यन्त सुक्ष्म है या ये कहीं फँसता नहीं है तो कोई भी समस्या नहीं परन्तु यदि ये बुलबुले आकार में बड़े हैं तो फिर ये एक बड़ी समस्या का कारण बन सकते हैं। यदि हवा के ये बुलबुले प्रवाहित होते हुए मानव मस्तिष्क, हृदय या फेफड़ों की ओर पहुँच जाएँ और वहाँ फँस जाएँ तो रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो सकता है और फिर कुछ भी हो सकता है यहा तक की जान जाने का भी खतरा रहता है ।
तो जरूर गौर करियेगा
अपनी राय कमेंट में जरूर दे और शेयर करे ।

कपालभाती प्राणायाम : प्राणायाम के लाभ, करने का तरीका ( योग का महत्व )


'पहला सुख निरोगी काया'

अगर आपके पास समय कम है, तो योग और प्रणायाम स्वस्थ रहने के लिए किये जाने वाले सर्वोत्तम उपाय है । और इसके लिए आपको ट्रेनर या जिम जाने की भी आवश्यकता नही है । कपालभाती आसन एक ऐसा आसन है जिसमें सभी योगासनों का फायदा प्राप्त होता है ।
कपालभाती प्राणायाम को जीवन की संजीवनी कहा जाता है।कपालभाती प्राणायाम को हठयोग में शामिल किया गया है।सांसों को अंदर-बाहर धक्का देना होता है, सांस लेने से बचना है प्राणायाम के वक्त ।

दिनभर तमाम काम करते हुए आप थक जाते हैं। काम के कारण आपका खान-पान भी अनियमित रहता है और आपके पास एक्सरसाइज का भी टाइम नहीं रहता है। ये आदत आपको धीरे-धीरे बीमार बनाती है। अगर आपके पास समय कम है, तो योग और प्रणायाम स्वस्थ रहने के लिए सबसे अच्छा वकल्प है। कपालभाती प्राणायाम एक ऐसा आसन है जिसमें सभी योगासनों का फायदा मिलता है। इसलिए इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें और निरोग रहें।

योग की हर क्रिया कारगर होती है, लेकिन बात जब कपालभाती प्राणायाम की होती है तो इसे जीवन की संजीवनी कहा जाता है। कपालभाती प्राणायाम को सबसे कारगर माना जाता है। कपालभाती प्राणायाम को हठयोग में शामिल किया गया है। योग के आसनों में यह सबसे कारगर प्राणायाम माना जाता है। यह तेजी से की जाने वाली एक रोचक प्रक्रिया है। दिमाग आगे के हिस्‍से को कपाल कहते हैं और भाती का अर्थ ज्योति होता है। कपालभाती प्राणायाम करने के सही तरीके और इससे होने वाले फायदों के बारे में हम आपको बताते हैं।

कैसे करें यह आसान -

कपालभाती प्राणायाम करने के लिए सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठकर सांसों को बाहर छोड़ने की क्रिया करें। सांसों को बाहर छोड़ने या फेंकते समय पेट को अंदर की तरफ धक्का देना है। ध्यान रखें कि सांस लेना नहीं है क्योंकि उक्त क्रिया में सांस अपने आप ही अंदर चली जाती है। कपालभाती प्राणायाम करते समय मूल आधार चक्र पर ध्यान केंद्रित करना होता है। इससे मूल आधार चक्र जाग्रत होकर कुं‍डलिनी शक्ति जागृत होने में मदद मिलती है। कपालभाती प्राणायाम करते समय ऐसा सोचना है कि हमारे शरीर के सारे नकारात्‍मक तत्व शरीर से बाहर जा रहे हैं।

इस आसन के फायदे -

कपालभाति प्रणायाम की मदद से आप अपने शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकाल सकते हैं।ये लिवर और किडनी को बेहतर काम करने लायक बनाता है।इस प्रणायाम से थकान कम होती है और शरीर में स्फूर्ति आती है।ये आंखों के नीचे के काले घेरों को भी ठीक करता है।कपालभाति प्रणायाम से ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है और शरीर का मेटाबॉलिज्म अच्छा होता है।ब्लड सर्कुलेशन ठीक होने के कारण आपका दिमाग अच्छी तरह काम करता है।इस प्रणायाम से फेफड़ों का फंक्शन भी अच्छा हो जाता है।नियमित अभ्यास से स्मरण शक्ति और दिमाग तेज होता है।

दूर होते हैं कई रोग -

इससे दांतों और बालों के सभी प्रकार के रोग दूर हो जाते हैं। शरीर की अतिरिक्‍त चर्बी कम होती है खासकर पेट की, यानी यह वजन कम करने में भी कारगर आसन है। इसे अलावा इसके नियमित अभ्‍यास करने से कब्ज, गैस, एसिडिटी जैसी पेट से संबंधित समस्या भी दूर हो जाती है।
कपालभाती प्राणायाम का सबसे ज्याद प्रभाव पड़ता है शरीर और मन पर, क्‍योंकि यह मन से नकारात्‍मक तत्‍वों को दूर कर सकारात्‍मकता लाता है। थायराइड, चर्म रोग, आंखों की समस्‍या, दांतों की समस्‍या, महिलाओं की समस्‍या, डायबिटीज, कैंसर, हीमोग्‍लोबिन का स्‍तर सामान्‍य करना, किडनी को मजबूत बनाने जैसे सभी तरह की समस्‍याओं को दूर करने की क्षमता होती है। यानी यह एक ऐसा आसन है जो सभी तरह की समस्‍याओं का उपचार करता  है।

How to Get rid of Mosquito




मच्छर को कम करने के लिए आल आऊट या मोर्टीन का उपयोग करते होंगे लेकिन आपको पता होगा ये सभी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।तो चलिए मैं आपको मच्छरों को कम करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे बताते है ।

सरसों के तेल में अजवाइन पाउडर मिलाकर इससे गत्ते के टुकड़ों को भिगो लें और कमरे में ऊंचाई पर रख दें। मच्छर पास भी नहीं आएंगे।
कमरे में कपूर जला दें और 10 मिनट के लिए खिड़की और दरवाजों को बंद कर दें। सारे मच्छर भाग जाएंगे। किसी कपड़े में कपूर और लौंग को साथ में रखकर बांध के कहीं टांग देने से भी मच्छर कमरे में नहीं आएंगे।
लहसुन की तेज गंध मच्छरों को दूर रखती है। लहसुन का रस शरीर पर लगाएं या फिर इसका छिड़काव करें।
लैवेंडर के फूल की खुशबू असरदार होती है जिससे मच्छर भाग जाते हैं। इस घरेलू उपाय के उपयोग के लिए लैवेंडर के तेल को कमरे में प्राकृतिक फ्रेशनर के रूप में छिड़कें।
लेमन बाम का पोधा, पुदीने की प्रजाति से संबंधित होता है। इसकी गंध बहुत ही तेज होती है। हालांकि त‍ितली, मधुमक्खियां और इंसानों की इसकी खुशबू अपनी तरफ आकर्षित करती है। आप इसे घर की किसी भी ऐसे कोने में इसे उगा सकते हो जहां आप चाहते हैं कि मच्‍छर न आ सकें। इसके अलावा मच्‍छरों से बचने के ल‍िए इसके पत्तों को अपने स्किन के ऊपर भी लगा सकतें हैं।

Benifits of eating flax seed (ayurveda) अलसी खाने के फायदे आयुर्वेद से

अलसी के फायदे ( benefits of flaxseeds)
हम आपको स्वास्थ्य, त्वचा और बालों के लिए अलसी के फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं लेकिन इससे पहले कि हम आपको यह बताएं की अलसी के क्या फायदे हैं आपको यह जान लेना बेहद जरूरी है अलसी हमारे सेहत को तंदुरुस्त करने के लिए किस तरह से कार्य करता है सही टाइम पर संतुलित खाना न खाने और बेवक्त सोने से शरीर बीमारियों का घर बना देता है। ऐसे में जरूरी है कि आप वक्त रहते अपने सेहत पर ध्यान दें और अपने डाइट में सेहतमंद खाने को शामिल करें। ऐसे में अलसी एक अच्छा उपाय है। अब देर किसी बात की, अलसी के फायदों को पढ़ें और इसे अपने डाइट में जरूर शामिल करें।
वजन को कम करने के लिए :
हमारी दिनचर्या का ज्यादा से ज्यादा समय कंप्यूटर, लेपटॉप और मोबाइल के सामने गुजरता है इससे वजन कब बढ़ने लगता है इसका पता ही नहीं चलता की वजन कब बढ़ गया काम में अत्यधिक व्यस्तता होना और खान-पान पर विशेष ध्यान ना दे पाना जिसके वजह से वजन में असमान्य रूप से बढ़ोतरी हो जाती है ।
जिसकी वजह से शरीर को तमाम तरह की बीमारियां घेर लेती हैं यदि नियमित रूप से खाने के साथ अलसी का सेवन किया जाए तो इन समस्याओं से निजात पाया जा सकता है क्योंकि इनमें फाइबर की मात्रा अधिक पाई जाती है जो वजन को संतुलित रखने में हमारी मदद करता है इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड के गुण पाए जाते हैं जो एक सुरक्षित फैट होता है जिससे भूख कम लगती है। जिससे आपके वजन को कम करने में मदद मिल सकता है।
ब्लड प्रेशर को कम करता है:
जैसे ही इंसान तनाव में आने लगता है, तो उसके शरीर में कई तरह की बीमारियां घर करने लगती है और हाई ब्लड प्रेशर उन्हीं में से एक है। हाई ब्लड प्रेशर होने से दिल के दौरे का या ब्रेन हैमरेज होने के अलावा अन्य बीमारियों का खतरा रहता है। इसलिए, आप रोज जितनी जरूरत हो सके उतना व्यायाम करें और खानपान का ध्यान रखें। इसके लिए आप अपने खाने में अलसी के बीज को शामिल करें। इसमें लिनोलिक एसिड, लिगनेन व फाइबर होते हैं, जो कुछ हद तक ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करते हैं।
मधुमेह के लिए फायदेमंद :
इन दिनों हर कोई मधुमेह से ग्रस्त है। इसलिए, जरूरी है कि लोग वक्त रहते इस पर ध्यान दें। मधुमेह में अगर अलसी का सेवन किया जाए, तो ब्लड शुगर का स्तर कुछ प्रतिशत तक कम हो सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसमें म्यूसिलेज होता है, जो एक प्रकार का फाइबर होता है यह पाचन को नियंत्रित कर खून में ग्लूकोज कम करताा है।
सर्दी खासी में असरदार:
बदलते मौसम के साथ सर्दी-जुकाम होना आम बात है, लेकिन अगर इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारी का भी रूप ले सकती है। ऐस में अगर आप अलसी के बीज को घरेलू उपाय के रूप में अपनाएंगे, तो सर्दी-जुकाम की परेशानी कम हो सकती है।
कोलेस्ट्रोल लेवल कम करता है:
जब बात आए कुछ हेल्दी खाने की, तो अलसी एक अच्छा ऑप्शन है, अलसी शरीर के हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और दिल की बीमारियों का खतरा भी कम करता है 

How to improve your eye sight , home tips to improve eye focus

ज्यादा चलने या अनियंत्रित दौड़ने से भी घुटनों का दर्द बढ़ सकता है : सेहत अनुभव


दही खाने के लाभ, नमक मिला के कभी न खाये ( curd nutrition )

स्वस्थ जीवन स्वस्थ खानपान से ही शुरू होता है यदि आप अपने जीवन को रोगों से बचाना है तो स्वस्थ खानपान की आदत डाल लेनी चाइये

तो आज आपको दही के खानपान का उचित तरीका बतायेगे
दही का खानपान -
दही स्वास्थ्य का हितकारी है। यदि व्यक्ति रोज एक कटोरी दही खाता है तो उसकी पाचन क्रिया सही रहती है। दही में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन पाए जाते हैं। लेकिन आप दही किस तरह खा रहे हैं, यह भी मायने रखता है। बहुत सारे लोग दही में नमक डाल कर खाना पसंद करते हैं। लेकिन यहां दही और नमक से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे। दही एक प्रकार की आयुर्वेदिक औषधि है जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद सिद्ध होती है। लेकिन दही में हमें भूल से भी नमक मिलाकर नहीं खाना चाहिए। दही को हमेशा मीठी चीजों जैसे कि चीनी, गुड़, बूरा, मिश्री आदि के साथ खाना चाहिए।
दही के अंदर के बैक्टिरिया ( गुड बैक्टिरिया ) -

दही में ऐसे कई बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जिसे किसी मैग्निफाइंग ग्लास के साथ या लेंस के साथ देखें तो हमें उस पर हजारों बैक्टीरिया तैरते नजर आएंगे। गौरतलब है कि यह सभी बैक्टीरिया जीवित अवस्था में आपको दिखाई देंगे। यह सभी बैक्टीरिया हमारे शरीर में प्रवेश करके एंजाइम प्रोसेस को काबू में रखते हैं जिससे भोजन जल्दी पच जाता है और पेट से जुड़ी कई प्रकार की समस्याएं दूर रहती हैं।
लेकिन यदि आप दही में नमक मिला देंगे तो सारे जीवित बैक्टीरिया मर जाएंगे जो कि बैक्टीरियल गुणों को खत्म कर देंगे और इस तरह का दही खाना हमारे किसी काम का नहीं रहेगा। लगभग एक कप दही में भी करोड़ों जीवाणु मौजूद रहते हैं जिनका आपके पेट के अंदर जाना काफी फायदेमंद साबित होता है। मगर एक चुटकी भर नमक भी इन सारे गुणों को नष्ट करने की ताकत रखता है।
दही के गुणों को कैसे बढ़ाये -
दही में ऐसी चीजें मिलानी चाहिए जिससे जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि हो, ना कि ऐसी चीजें जो इनकी संख्या घटाये। इसलिए जब भी आप दही खाएं उसमें कुछ मीठा अवश्य मिलाएं। दही में चीनी या गुड़ डालकर खाने की आदत डालें। यह दही में जीवाणुओं की संख्या को बढ़ा देगा। वहीं मिश्री के साथ खाया गया दही सबसे बेहतर होता है और शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है|

क्या दूसरे ग्रह के लोग धरती पर मौजूद है या थे ??

विज्ञान की दुनिया एक असीम असंख्य सीमा का ज्ञान है , जहा जा पाना और उसे पा पाना उसी तरह असंभव सा लगता है जैसे सूरज के पास जा पाना ।  अब आज का...