1971 के युद्ध में पाकिस्तान द्वारा बरसाए गए तोप के गोलों के कारण तोप के गोले इस मंदिर के आसपास गिरे लेकिन वह फट नहीं पाए वह उसी अवस्था में रह गए और मंदिर का बाल भी बांका नहीं हुआ इस मंदिर का पुजारी भी एक भारतीय सेना का सैनिक होता है और इस मंदिर की देखरेख बीएसएफ बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स करती है।
हम जैसलमेर से तनोट जा सकते हैं और जैसलमेर से तनोट जाने के लिए कम से कम 120 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है ।भारत सरकार द्वारा भारतमाला परियोजना के तहत बहुत ही उत्कृष्ट रोड का निर्माण किया गया है जो विश्व विश्व प्रसिद्ध रोड के बराबर पहुंच चुकी है इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको जैसलमेर से रामगढ़ रामगढ़ से तनोट पहुंचा जा सकता है लेकिन तनोट पहुंचने से पहले लोंगेवाला जाना जरूरी होता है जब आप जैसलमेर से तनोट जाते हो।
लोंगेवाला वह स्थान है जहां पर भारत और पाकिस्तान के बीच में युद्ध हुआ और वहां पर भारतीय वीरों के अदम्य साहस और बलिदान से भारत विजयी हुआ।