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How To travel Tanot Mata Jaisalmer Complete Guide

राजस्थान अपने बेमिसाल राजस्थानी संस्कृति अपने बेमिसाल विशाल दुर्गों की वजह से प्रसिद्ध है और देश विदेश में विदेशी पर्यटकों और देशी पर्यटकों का पसंदीदा जगह रहा है राजस्थान का बॉर्डर इलाका राजस्थान का बॉर्डर इलाका रेगिस्तान बंजर है लेकिन यह एक  वजह से प्रसिद्ध है राजस्थान के जैसलमेर जिले में तनोट नामक जगह पर जहां पर भारत और पाकिस्तान के मध्य 1971 में युद्ध हुआ वहां पर तनोट राय भवानी का मंदिर अवस्थित है और इस मंदिर की सिद्धि इतनी है की 1965 और 71 के युद्ध में यह मंदिर प्रमुख शक्तिपीठ  रहा है।

1971 के युद्ध में पाकिस्तान द्वारा बरसाए गए तोप के गोलों के कारण तोप के गोले इस मंदिर के आसपास गिरे लेकिन वह फट नहीं पाए वह उसी अवस्था में रह गए और मंदिर का बाल भी बांका नहीं हुआ इस मंदिर का पुजारी भी एक भारतीय सेना का सैनिक होता है और इस मंदिर की देखरेख बीएसएफ बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स करती है।
हम जैसलमेर से तनोट जा सकते हैं और जैसलमेर से तनोट जाने के लिए कम से कम 120  किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है ।भारत सरकार द्वारा भारतमाला परियोजना के तहत बहुत ही उत्कृष्ट रोड का निर्माण किया गया है जो विश्व विश्व प्रसिद्ध रोड के बराबर पहुंच चुकी है इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको जैसलमेर से रामगढ़ रामगढ़ से तनोट पहुंचा जा सकता है लेकिन तनोट पहुंचने से पहले  लोंगेवाला जाना जरूरी होता है जब आप जैसलमेर से तनोट जाते हो।
लोंगेवाला  वह स्थान है जहां पर भारत और पाकिस्तान के बीच में युद्ध हुआ और वहां पर भारतीय वीरों के अदम्य साहस और बलिदान से भारत विजयी हुआ।

First Fort in Rajasthan which Has Lift : Junagarh Fort Bikaner [ Fort of Rajasthan ]

बीकानेर का किला जूनागढ़ दुर्ग , गढ़ चिंतामणि दुर्ग,जमीन का जेवर आदि नामों से प्रचलित है ।
जूनागढ़ किला बीकानेर सिटी के मध्य भाग में स्थित है और बीकानेर का प्रमुख पर्यटन स्थल भी है जिसे देखने देश विदेश और राजस्थान की सैलानी आते है।
आइए जानते है जूनागढ़ के बारे में -
जूनागढ़ के किले का निर्माण राठौड़ वंश के शासक महाराजा रायसिंह के द्वारा सन 1594 ईस्वी में बनवाया गया वह स्वयं युद्ध अभियानों में रहने के कारण इसे प्रधानमंत्री करमचंद के सानिध्य में बना।
महाराजा रायसिंह बीकानेर के प्रथम शासक थे जिन्होंने महाराधिराज की उपाधिि ली। महाराज रायसिंह अकबर के मनसबदार थे।
जूनागढ़ के किले में प्रवेश द्वार सुरजपोल है और इस द्वार पर वीर जयमल मेड़तिया और फत्ता सिसौदिया की गजरूढ़ प्रतिमा लगी हुई है। ये दोनो वीर अकबर के 1568 के चित्तौड़ आक्रमण में अतुलनीय वीरता का प्रमाण दिया और वीरगति को प्राप्त हुए  राजपूत शक्ति और साहस का उत्कर्ष ये दोनो वीर थे। इनकी वीरता का राजस्थान इतिहास में  अहम स्थान है। इनकी प्रतिमा महाराजा रायसिंह द्वारा लगवाई गई।
फिर अगला दरवाजा करण पोल आता है जहा महाराजा रायसिंह की संस्कृत में 'जैता ' द्वारा लिखी रायसिंह प्रशस्ति है । जिसमे बीकानेर राठौर राज्य के बारे में रायसिंह की उपलब्धियों के बारे में विस्तृत वर्णन है ।
फिर जूनागढ़ दुर्ग में देखने योग्य स्थान...

गंगा निवास महल 
करण महल

अनूप महल
शीश महल
बदलमहल
जूनागढ़ दुर्ग में गणेश जी का मंदिर भी है जिसे गढ़ गणेश मंदिर कहते है । साथ ही में 33 करोड़ देवी देवताओं के मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध हैं।जूनागढ गणेश जी मंदिर YouTube video

जूनागढ़ दुर्ग पहला दुर्ग है जहा लिफ्ट की व्यवस्था है। 
तो दोस्तो अगर आप बीकानेर आते है तो बीकानेर जूनागढ़ किला का भ्रमण अवश्य करे राजस्थान के इतिहास आप नजदीक से देख पाएंगे।
प्रसिद्ध इतिहासकार ने जूनागढ़ के बारे में कहा है ' इस दुर्ग की तो दीवारे भी बोलती है

क्या दूसरे ग्रह के लोग धरती पर मौजूद है या थे ??

विज्ञान की दुनिया एक असीम असंख्य सीमा का ज्ञान है , जहा जा पाना और उसे पा पाना उसी तरह असंभव सा लगता है जैसे सूरज के पास जा पाना ।  अब आज का...