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क्या दूसरे ग्रह के लोग धरती पर मौजूद है या थे ??

विज्ञान की दुनिया एक असीम असंख्य सीमा का ज्ञान है , जहा जा पाना और उसे पा पाना उसी तरह असंभव सा लगता है जैसे सूरज के पास जा पाना ।  अब आज का विज्ञान ब्रह्मांड के दूसरे संजीवो को खोजने में लगा है,और धरती के लगभग सभी अंतरिक्ष अनुसंधान वाले मंगल तक पहुंच चुके है । लेकिन अभी भी एलियन की खोज होना बाकी है जिसे अभी कपोल कल्पना ही माना है लेकिन सोचने की बात ये है की धरती पर मानव है उसी तरह इस ब्रह्मांड की कोई और धरती होगी और वहा के वासी भी होगे । और हो सके तो उनकी पहुंच अपनी धरती तक हो गई हो जो हमारे बीच ही रह रहे हो जैसे की जासूस ?? क्या जाने इसमें कितनी सचाई है या मेरी कल्पना बाकी उनकी कहानियां इन दिनों बहुत सी जगह सुनने में आती है सबसे ज्यादा अमेरिका तो क्या अमेरिका के एलियन से कोई संबंध या एलियन का उस धरती से सीधा जुड़ाव लगता है। सुनने में हैरान करता है की वहा की फिल्मों में इस तरह की चीज़े दिखाई गई है जैसे की "Men in black" और "Stranger things" में । बाकी आप अपनी राय जरूर बताएं ।

राजस्थान की प्रसिद्ध साहित्यिक कृतियां

Special RAS MAINS EXAM राजस्थानी साहित्य की कुछ प्रमुख रचनाएँ  (पार्ट- 1) ▪️पृथ्वीराज रासौ (चन्दबरदाई) : इसमें अजमेर के अन्तिम चैहान सम्राट- पृथ्वीराज चौहान तृतीय के जीवन चरित्र एवं युद्धों का वर्णन। यह पिंगल में रचित वीर रस का महाकाव्य है। माना जाता है कि चन्द बरदाई पृथ्वीराज चैहान का दरबारी कवि एवं मित्र था। ▪️खुमाण रासौ ( दलपत विजय ) : पिंगल भाषा के इस ग्रन्थ में मेवाड़ के बप्पा रावल से लेकर महाराजा राजसिंह तक के मेवाड़ शासकों का वर्णन है। ▪️विरूद छतहरी, किरतार बावनौ (कवि दुरसा आढ़ा) : विरूद् छतहरी महाराणा प्रताप को शौर्य गाथा है और किरतार बावनौ में उस समय की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति को बतलाया गया है। दुरसा आढ़ा अकबर के दरबारी कवि थे। इनकी पीतल की बनी मूर्ति अचलगढ़ के अचलेश्वर मंदिर में विद्यमान है। ▪️बीकानेर रां राठौड़ा री ख्यात (दयालदास सिंढायच) : दो खंडोे के ग्रन्थ में जोधपुर एवं बीकानेर के राठौड़ों के प्रारंम्भ से लेकर बीकानेर के महाराजा सरदार सिंह सिंह के राज्यभिषेक तक की घटनाओं का वर्णन है ! ▪️सगत रासौ (गिरधर आसिया) : इस डिंगल ग्रन्थ में महाराणा प्रताप के छोटे भाई शक्तिसिंह क

राजस्थान के आभूषण for state exam

 राजस्थान के आभूषण परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण 1. सिर के आभूषण 1.शीशफूल 2. रखडी (राखड़ी) 3. बोर 4. टिकड़ा 5. मेमन्द 2. माथा/ मस्तक के आभूषण 1. बोरला 2. टीका 3. मांग टीका 4. दामिनी 5. सांकली 6. फीणी 7. टिडी भलको 8. बिन्दी 3. नाक के आभूषण 1. बेसरि / बसेरी 2. नथ 3. चोप 4. लोंग 5. चूनी 6. लटकन 7. वारी 8. नथ 4. कान के आभूषण 1. झुमका 2. टाॅप्स 3. कर्णफूल 4. सुरलिया 5. भूचारिया 6. टोटी 7. पाटी सूलिया 8. बाली 9. ओगणिया 10. मोरफवर 11. मुरकी 5. दांत के आभूषण 1. रखन 2. चूप 6. गले के आभूषण 1. झालर 2. कंठी 3. मटरमाला 4. ठूस्सी 5. मोहरण 6. चम्पाकली 7. हालरो 8. हंसली 9. पंचलड़ी 10. तिमणिया 11. तुलसी 12. पोत 13. मोहनमाला 14. चंदनहार 15. मादलिया 16. बजंटी 17. मंडली 18. हंसहार 19. हमलो 20. खुंगाल्ली 21. बलेवड़ा 22. हांकर 23. सरी 24. कंठमाला 7 कलाई /हाथ के आभूषण 1. गजरा 2. गोखरू 3. चूडियां 4. चूडा 5. हथफूल 6. बगडी 7. पूचियों 8. पाटला 9. कंगन 10. छल्ला 11. कड़ा 12. कंकण 13. भोकड़ी 8 अंगुली के आभूषण 1. दामणा 2. हथपान 3. छडा 4. बीदिया 5. अंगुठी 6. बींठी 7. मूंदड़ी 8. कुडक 9. नथड़ी/ भंवरकडी 9 बाजू के आभू

नवजागरण के जनक और आज़ादी के सच्चे सेनानायक

🔰 भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सुभाष चंद्र बोस की भूमिका 🔰 ================================ 🔹 बोस को 1925 में राष्ट्रवादी गतिविधियों के लिए मांडले में जेल भेज दिया गया। वह 1927 में रिहा हुए और INC के महासचिव बने। 🔹 उन्होंने जवाहरलाल नेहरू के साथ काम किया (14 नवंबर - 1889 को जन्म) और दोनों कांग्रेस पार्टी के युवा नेता बन गए, जो लोगों के बीच लोकप्रियता हासिल कर रहे थे। 🔹 उन्होंने पूर्ण स्वराज की वकालत की और इसे हासिल करने के लिए बल प्रयोग के पक्ष में थे। 🔹 गांधी के साथ उनके मतभेद थे और वे स्वतंत्रता के लिए एक उपकरण के रूप में अहिंसा के लिए उत्सुक नहीं थे। 🔹 बोस के लिए खड़ा था और 1939 में पार्टी के अध्यक्ष चुने गए, लेकिन गांधी के समर्थकों के साथ मतभेद के कारण उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। 🔹 बोस की विचारधारा समाजवाद और वामपंथी अधिनायकवाद की ओर झुकी। उन्होंने 1939 में कांग्रेस के भीतर एक धड़े के रूप में ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन किया। 🔹 द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत में, बोस ने युद्ध में घसीटने से पहले भारतीयों से परामर्श न करने के लिए सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्

राजस्थान की प्रमुख हवेलियां , नाम और स्थान

राजस्थान की प्रमुख हवेलिया 1. सुराणों की हवेलियां = चुरू जिले मे स्थित है 2. रामविलास गोयनका की हवेली-= चुरू जिले मे स्थित है 3. मंत्रियों की मोटी हवेली = चुरू जिले मे स्थित है 4. बच्छावतों की हवेली = बीकानेर जिले मे स्थित है 5. बिनाणियों की हवेली = सीकर जिले मे स्थित है 6. पंसारियों की हवेली = सीकर जिले मे स्थित है 7. पुरोहित जी की हवेली = जयपुर जिले मे स्थित है 8. रत्नाकर पुण्डरिक भट्ट की हवेली= जयपुर जिले मे स्थित है 9. बडे़ मियां की हवेली = जैसलमेर जिले मे स्थित है 10. नथमल की हवेली = जैसलमेर जिले मे स्थित है 11. पटवों की हवेली= जैसलमेर जिले मे स्थित है 12. सालिम सिंह की हवेली = जैसलमेर (9 खंडों की हवेली) जिले मे स्थित है 13. बागोर हवेली = उदयपुर (इसमें पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना 1986 में हुई।) जिले मे स्थित है 14. मोहन जी की हवेली = उयपुर जिले मे स्थित है 15. पुश्य हवेली = जोधपुर जिले मे स्थित है 16. पच्चीसा हवेली = जोधपुर जिले मे स्थित है a 17. नाथूराम पोद्दार की हवेली = बिसाऊ (झुनझुनू) जिले मे स्थित है 18. सेठ जयदयाल केडिया की हवेली = बिसाऊ (झुनझुनू) 19. रामना