Good morning wishes : Motivation Quatus New Image's 2021

🌹🌿🍃🌱🌾🙏🌾🌱🍃🌿🌹
*किसी ने गौतम बुद्ध से पूछा*
            *" सवेरा तो रोज ही होता है परन्तु शुभप्रभात क्या होता है"*
*बुद्ध ने बहुत ही सुन्दर जबाब दिया*
*" जीवन में जिस दिन आप अपने* *अंदर के बुराईयो को समाप्त कर उच्च विचार तथा अपनी आत्मा को शुद्ध करके दिन की शुरुआत करते हो वही शुभप्रभात होता है ....*
          🙏  _*सुप्रभात*_   🙏
🌹🌿🍃🌱🌾🙏🌾🌱🍃🌿🌹
🌷☘🌷
*हर पल मुस्कुराओ,* *बड़ी* *“खास”*
          *हे जिंदगी…!*
*क्या सुख क्या दुःख ,बड़ी “आस”* 
           *है जिंदगी… !*
*ना शिकायत करो .ना कभी*
             *उदास हो.*
*जिंदा दिल से जीने का “अहसास”*
           *हे जिंदगी…..!!*
*🌹🌿🌹 *_Good morning_*
🌷☘🌷
*हर पल मुस्कुराओ,* *बड़ी* *“खास”*
          *हे जिंदगी…!*
*क्या सुख क्या दुःख ,बड़ी “आस”* 
           *है जिंदगी… !*
*ना शिकायत करो .ना कभी*
             *उदास हो.*
*जिंदा दिल से जीने का “अहसास”*
           *हे जिंदगी…..!!*

*🌹🌿🌹 *_Good morning_*Pankaj sarswa YouTube






ऐ गुजरने वाली हवा बता (ae Guzarne wali Hwa) वीर सैनिकों को सलाम

"ऐ गुजरने वाली हवा बता"
"संदेशे आते है"
Full Song lyrics :

"संदेसे आते हैं", हमें तड़पाते हैं
जो चिट्ठी आती है, वो पूछे जाती है
के घर कब आओगे, लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये घर सूना सूना है

किसी दिलवाली ने, किसी मतवाली ने
हमें खत लिखा है, ये हमसे पूछा है
किसी की साँसों ने, किसी की धड़कन ने
किसी की चूड़ी ने, किसी के कंगन ने
किसी के कजरे ने, किसी के गजरे ने
महकती सुबहों ने, मचलती शामों ने
अकेली रातों में, अधूरी बातों ने
तरसती बाहों ने और पूछा है तरसी निगाहों ने
के घर कब आओगे, लिखो कब आओगे
के तुम बिन ये दिल सूना सूना है
संदेसे आते हैं...

मोहब्बतवालों ने, हमारे यारों ने
हमें ये लिखा है, कि हमसे पूछा है
हमारे गाँवों ने, आम की छांवों ने
पुराने पीपल ने, बरसते बादल ने
खेत खलियानों ने, हरे मैदानों ने
बसंती बेलों ने, झूमती बेलों ने
लचकते झूलों ने, दहकते फूलों ने
चटकती कलियों ने, और पूछा है गाँव की गलियों ने
के घर कब आओगे, लिखो कब आओगे
के तुम बिन गाँव सूना सूना है
संदेसे आते हैं...

कभी एक ममता की, प्यार की गंगा की
जो चिट्ठी आती है, साथ वो लाती है
मेरे दिन बचपन के, खेल वो आंगन के
वो साया आंचल का, वो टीका काजल का
वो लोरी रातों में, वो नरमी हाथों में
वो चाहत आँखों में, वो चिंता बातों में
बिगड़ना ऊपर से, मोहब्बत अंदर से, करे वो देवी माँ
यही हर खत में पूछे मेरी माँ
के घर कब आओगे, लिखो कब आओगे
के तुम बिन आँगन सूना सूना है
संदेसे आते हैं...

ऐ गुजरने वाली हवा बता
मेरा इतना काम करेगी क्या
मेरे गाँव जा, मेरे दोस्तों को सलाम दे
मेरे गाँव में है जो वो गली
जहाँ रहती है मेरी दिलरुबा
उसे मेरे प्यार का जाम दे
उसे मेरे प्यार का जाम दे

वहीँ थोड़ी दूर है घर मेरा
मेरे घर में है मेरी बूढ़ी माँ
मेरी माँ के पैरों को छू के तू, उसे उसके बेटे का नाम दे
ऐ गुजरने वाली हवा ज़रा
मेरे दोस्तों, मेरी दिलरुबा, मेरी माँ को मेरा पयाम दे
उन्हें जा के तू ये पयाम दे


मैं वापस आऊंगा, घर अपने गाँव में
उसी की छांव में, कि माँ के आँचल से
गाँव की पीपल से, किसी के काजल से
किया जो वादा था वो निभाऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा...
English words :"Lyrics"
hooooo hooooooo hooooo hooo
sandese aate hein humein tarpaate hein






o chitthi aati hai puche jaati hai
ki ghar kab aaoge likho kab aaoge
ki tum bin yeh ghar soona soona hai
sandese aate hein humein tarpaate hein
o chitthi aati hai puche jaati hai
ki ghar kab aaoge likho kab aaoge
ki tum bin yeh ghar soona soona hai

kisi dil wali ne ksii matwali ne
humein khat likha hai yeh humse poocha hai
kisi ki saason ne kisi ki dhadkan ne
ksii ki churi ne kiisi ke kangan ne
kisi ke kajre ne kisi ke gajre ne
mehkti subho ne machalti shaamon ne
akeli raaton ne adhori baaton ne
tarasati baahon ne aur poocha hai tarsi nigahon ne
ki gahr kab aaoge likho kab aaoge
ki tum bin yeh ghar soona soona hai

sandesse aate........soona soona hai

mohabbat walon ne humare yaaron ne
humein yeh likha hai ki humse poocha hai
humare gaaon ne aam ki chhaaon ne 
puraane peepal ne baraste baadal ne
khet khaliyanon ne hare maidano ne
basanti melon ne jhoomti belon ne
lachakte jhoolon ne behkte phoolon ne
chatakti kaliyon ne aur poocha hai gaon ki galliyon ne
ki ghar kab aaoge likho kab aaoge
ki tum bin gaaon soona soona hai

sandesse aate........soona soona hai

kabhi ek mamta ki pyar ki ganga ki
o chithi aati hai saath woh laati hai
mere din bachpan ke khel woh angan ke
woh saya anchal ka woh teeka kajal ka
woh lori raaton mein woh narmi haathon mein
woh chahat ankhon mein woh chinta baton mein
bigarna uppar se mohabbat andar se
kare woh devi maa yehi har khatt mein pooche meri maan
ke ghar kab aaoge likho kab aaoge
ki tum bin aangan soona soona hai 

sandesse aate........soona soona hai

ai guzarne wali hawa bata 
mera itna kaam karegi kya
mere gaaon ja mere doston ko salaam de
mere gaaon mein hai jo woh gali 
jaahan rehti hai meri dilruba
use mere pyaar ka jaam de 
use mere pyar ka jaam de
wahin thori door hai ghar mera 
mere ghar mein hai meri burhi maa
mere maa ke pairon ko choo kar 
tu use uske bete ka naam de
ai guzarne wali hawa zara 
mere doston mere dilruba
meri maa ko mera paigam de 
unhe jaake tu yeh paigam de
mai wapas aaonga mai wapas aaonga
phir apne gaaon mein 
kisi ki chaon mein
ki maa ke anchal se 
gaaon ke peepal se
ksi ke kajjal se
kiya jo waada tha woh nibhaaonga
mai ek din aaonga mai ek din aaonga
mai ek din aaonga mai ek din aaonga....

Bigg boss 11 : finale

Bigg boss finale take to end here two of girls in top two hina and shilpa shinde and suppose that shilpa shinde wins the show but that rumor but what happen god knows
The four finalist vikas gupta, puneesh sharma ,shilpa shindeand hina khan..
Puneesh staNDE four and third vikas gupta
About the ex bigg boss contestants says that shilpa makes big lead but some bigg boss watcher says that heena win the show let see what happen
"Vikas say that shilpa win the show"
#Bigg Boss11 #shilpa #heenakhan #finale
Give ur comment which u r favorite contestants wanted to win...❤👇👇here

Pankaj sarswa: Brahman : full story (ब्राह्मण परिचय)

Pankaj sarswa: Brahman : full story (ब्राह्मण परिचय)

Brahman : full story (ब्राह्मण परिचय)

ब्राह्मण
विप्र
ब्राह्मण (आचार्य, विप्र, द्विज, द्विजोत्तम) यह वर्ण व्‍यवस्‍था का सर्वोच्च वर्ण है। एेतिहासिक रूप हिन्दु वर्ण व्‍यवस्‍था में चार वर्ण होते हैं। ब्राह्मण (आध्यात्मिकता के लिए उत्तरदायी), क्षत्रिय (धर्म रक्षक), वैश्य (व्यापारी) तथा शूद्र(सेवक, श्रमिक समाज)।
यस्क मुनि की निरुक्त के अनुसार - ब्रह्म जानाति ब्राह्मण: -- ब्राह्मण वह है जो ब्रह्म (अंतिम सत्य, ईश्वर या परम ज्ञान) को जानता है। अतः ब्राह्मण का अर्थ है - "ईश्वर का ज्ञाता"।
यद्यपि भारतीय जनसंख्या में ब्राह्मणों का प्रतिशत कम है, तथापि धर्म, संस्कॄति, कला तथा शिक्षा के क्षेत्र में इनका योगदान अपरिमित है
ब्राह्मण महत्ता : ब्राह्मण समाज का इतिहास प्राचीन भारत के वैदिक धर्म से आरंभ होता है। "मनु-स्मॄति" के अनुसार आर्यवर्त वैदिक लोगों की भूमि है। ब्राह्मण व्यवहार का मुख्य स्रोत वेद हैं। ब्राह्मणों के सभी सम्प्रदाय वेदों से प्रेरणा लेते हैं। पारंपरिक तौर पर यह विश्वास है कि वेद अपौरुषेय (किसी मानव/देवता ने नहीं लिखे) तथा अनादि हैं, बल्कि अनादि सत्य का प्राकट्य है जिनकी वैधता शाश्वत है। वेदों को श्रुति माना जाता है (श्रवण हेतु, जो मौखिक परंपरा का द्योतक है)।

धार्मिक व सांस्कॄतिक रीतियों एवं व्यवहार में विवधताओं के कारण और विभिन्न वैदिक विद्यालयों के उनके संबन्ध के चलते, आचार्य हीं ब्राह्मण हैं आज समाज में विभिन्न उपजातियों में विभाजित है। सूत्र काल में, लगभग १००० ई.पू से २०० ई॰पू॰, वैदिक अंगीकरण के आधार पर, ब्राह्मण विभिन्न शाखाओं में बटने लगे। प्रतिष्ठित विद्वानों के नेतॄत्व में, एक ही वेद की विभिन्न नामों की पृथक-पृथक शाखाएं बनने लगीं। इन प्रतिष्ठित ऋषियों की शिक्षाओं को सूत्र कहा जाता है। प्रत्येक वेद का अपना सूत्र है। सामाजिक, नैतिक तथा शास्त्रानुकूल नियमों वाले सूत्रों को धर्म सूत्र कहते हैं, आनुष्ठानिक वालों को श्रौत सूत्र तथा घरेलू विधिशास्त्रों की व्याख्या करने वालों को गॄह् सूत्र कहा जाता है। सूत्र सामान्यतः पद्य या मिश्रित गद्य-पद्य में लिखे हुए हैं।
ब्राह्मण शास्त्रज्ञों में प्रमुख हैं अग्निरसअपस्तम्भअत्रिबॄहस्पतिबौधायनदक्षगौतमवत्स,हरितकात्यायनलिखितमनुपाराशरसमवर्तशंखशत्तपऊषानसवशिष्ठविष्णुव्यासयज्ञवल्क्य तथा यम। ये इक्कीस ऋषि स्मॄतियोंके रचयिता थे। स्मॄतियों में सबसे प्राचीन हैं अपस्तम्भ, बौधायन, गौतम तथा वशिष्ठि।
उपजाति ब्राह्मण :
ब्राह्मणों को सम्पूर्ण भारतवर्ष में विभिन्न उपनामों से जाना जाता है, जैसे पूर्वी उत्तर प्रदेश में त्रिवेदी, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल, दिल्ली, हरियाणा व राजस्थान के कुछ भागों में खाण्डल विप्र, ऋषीश्वर (GOUR),वशिष्ठ, सनाढ्य ब्राह्मणत्यागी अवध (मध्य उत्तर प्रदेश) तथा मध्यप्रदेश के बुन्देलखंड से निकले जिझौतिया ब्राह्मण,रम पाल मध्य प्रदेश में कहीं कहीं वैष्णव (बैरागी)(, बाजपेयी, बिहार व बंगाल में भूमिहार, जम्मू कश्मीर, पंजाब व हरियाणा के कुछ भागों में महियाल, मध्य प्रदेश व राजस्थान में गालव, गुजरात में श्रीखण्ड,भातखण्डे अनाविल, महाराष्ट्र के महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण, मुख्य रूप से देशस्थ, कोंकणस्थ , दैवदन्या, देवरुखे और करहाड़े है. ब्राह्मणमें चितपावन एवं कार्वे, कर्नाटक में अयंगर एवं हेगडे, केरल में नम्बूदरीपाद, तमिलनाडु में अयंगरएवं अय्यर, आंध्र प्रदेश में नियोगी एवं राव, उड़ीसा में दासएवं मिश्र आदि, बिहार में मैथिल ब्राह्मण आदि तथा राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, बिहार में शाकद्वीपीय(मग)कहीं उत्तर प्रदेश में जोशी जाति भी पायी जाती है। [1]आदि।

ब्राह्मणों में कई जातियां है।इससे मूल कार्य व स्थान का पता चलता है सामवेदी=ये सामवेद गायन करने वाले लोग थे इसमे सभी वर्णो के व्यक्ति सम्मिलित थे।ये राजाओ के यहाँ गायकी का कार्य करते थे।कालांतर में ये ब्राह्मण हो गए। अग्निहोत्री =अग्नि में आहुति देने वाला।इसमे सभी जातियों के लोग सम्मिलित थे ।क्योंकि शूद्रों को छोड़ कर अन्य सभी जातियों को अग्निहोत्र करना आवश्यक था। त्रिवेदी=वे लोग जिन्हें तीन वेदों का था ज्ञान वे त्रिवेदी है चतुर्वेदी=जिन्हें चारों वेदों का ज्ञान था।वेलोग चतुर्वेदी हुए। वेदी=जिन्हें वेदी बनाने का ज्ञान था वे वेदी हुए। 
खानपान :
ब्राह्मण मांस शराब का सेवन जो धर्म के विरुद्ध हो वो काम नहीं करते हैं। ब्राह्मण सनातन धर्म के नियमों का पालन करते हैं। जैसे वेदों का आज्ञापालन, यह विश्वास कि मोक्ष तथा अन्तिम सत्य की प्राप्ति के अनेक माध्यम हैं, यह कि ईश्वर एक है किन्तु उनके गुणगान तथा पूजन हेतु अनगिनत नाम तथा स्वरूप हैं जिनका कारण है हमारे अनुभव, संस्कॄति तथा भाषाओं में विविधताएं। ब्राह्मण सर्वेजनासुखिनो भवन्तु(सभी जन सुखी तथा समॄद्ध हों) एवं वसुधैव कुटुम्बकम(सारी वसुधा एक परिवार है) में विश्वास रखते हैं। सामान्यत: ब्राह्मण केवल शाकाहारी होते हैं (बंगाली, उड़ीया तथा कुछ अन्य ब्राह्मण तथा कश्मीरी पन्डित इसके अपवाद हैं)।



Say No To Reservation : Social Equal opportunity

💧💧
कांग्रेस के ‘दलित नायक’ मल्लिकार्जुन खड्गे की कुल संपत्ति के बारे में जानेंगे तो आपके हॊश उड़ जायेंगे।

जाति के नाम पर आरक्षण एक अभिशाप है। देश के विकास में बाधा डालनेवाले और देश में असमानता लाने वाले जातिवाद आरक्षण के वजह से आज भारत दुनिया में ही पिछड़ा हुआ देश है। अपने राजनैतिक मुनाफे के लिए आरक्षण का उपयॊग करने वाले नेता गण वास्तव में संविधान और अंबेडकर जी का अपमान कर रहे हैं। खुद अंबेडकर जी ने कहा था की जाति के आधार पर आरक्षण केवल दस साल के लिए ही रहना चाहिए और जो दलित आरक्षण का लाभ उठाकर सक्षम होता है उसे दूसरॊं की सहायता करना चाहिए तांकि  उसका भी उत्थान हो।

लेकिन कांग्रेस पिछले 60 साल से देश के साथ गद्दारी कर रही है और आज भी जाति के नाम पर न केवल वॊट मांग रही है अपितु एक दूसरों को लड़वा भी रही है। कांग्रेस के दलित नायक मल्लिकार्जुन जी जो हमेशा मोदी सरकार पर निशाना साधते हैं, उनकी संपत्ति के बारे में जानेंगे तो आपके हॊश उड़जाएंगे। खड्गे जी ने प्रधानमंत्री मोदी जी के सामने हाथ जोड़ते हुए, आखों में आँसू लाते हुए गिड गिडाया था और कहा था ” इस देश में दलितों को दो गज ज़मीन दे दीजिए तांकि वे भी गौरव से अपना जीवन यापन कर सके”।

उसी जगह पर मात्र 15 मिनिट के अंदर मॊदी जी ने खड्गे के सामने उनके संपत्ति से जुड़ा दस्तावेज़ दिखाया और सारा कच्चा चिटठा खॊल दिया। उस दस्तावेज़ के अनुसार ‘दलित नायक’ की संपत्ति का ब्यॊरा कुछ इस प्रकार है:

कर्नाटक के बन्नेरघट्टा रॊड में 500 करोड़ का एक बड़ा कांपलेक्स खड्गे जी के नाम पर है।
चिक्कमगलूरु ज़िले में 300 एकड़ काफी एस्टेट जिसकी कुल कीमत करीब 1000 करोड़ रुपये हैं।
चिक्कमगलूरु ज़िले में ही एक घर है जिसकी कीमत 50 करोड़ है।
बेंगलूरु के केंगेरी में 40 एकड़ की फार्म हाऊस है।
बेंगलूरु के एम.एस.रामय्या कॉलेज के पास इनके नाम पर एक इमारत है जिसकी कीमत 25 करोड़ रूपए हैं।
बेंगलूरु के ही आर. टि. नगर में एक बड़ा बंगला है।
बल्लारी रॊड में 17 एकड़ ज़मीन है।
बेंगलूरु के इंद्रा नगर में तीन मंजिला बंगला है ।
बेंगलूरु के सदाशिव नगर में दो और बंगले इनके नाम पर है।

इसके अलावा इनके और इनके रिश्तेदारों के नाम पर देश के महा नगर जैसे मैसूरु, गुलबर्गा, चेन्नई, गॊवा, पूना, नागपुर, मुम्बई और देश की राजधानी दिल्ली तक में रियल एस्टेट कि संपत्ति है जो 1000 करोड़ रुपए की कीमत की है। खडगे जी देश की जनता को उल्लू समझते होगें कि वे जानते नहीं कि दलित -दलित का नाम जप कर खड्गे जी ने इतनी संपत्ती कहां से और कैसे बनाई। कुल मिलाकर खड्गे जी के पास 50,000 करोड़ से भी ज्यादा की संपत्ति है। 1980 से रेवेन्यू मिनिस्टर रह चुके खड्गे जी  ने SC बेकलोग उद्योग की चयन प्रक्रिया में भी खूब घॊटाला किया है और अपने अधिकारॊं का दुरुपयॊग करते हुए खूब पैसा ऐंठा है।

दलितों का नाम इस्तेमाल कर के कांग्रेस के दलित नायक खड्गे जी ने देश का पैसा लूटा है। अगर खड्गे जी को दलितों से इतना ही प्यार है तो वो अपनी सारी संपत्ति गरीब दलितों को दे और उनका उद्धार करे किसी को इससे कॊई आपत्ति नहीं
By : 'Pankaj Sarswa'

क्या दूसरे ग्रह के लोग धरती पर मौजूद है या थे ??

विज्ञान की दुनिया एक असीम असंख्य सीमा का ज्ञान है , जहा जा पाना और उसे पा पाना उसी तरह असंभव सा लगता है जैसे सूरज के पास जा पाना ।  अब आज का...