गुरुत्वाकर्षण क्या है : भारत में गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ पहाड़ी पर ऊपर बहता पानी


गुरुत्व आकर्षण नाम से ही स्पष्ट है की ' धरती के गुरुत्व के कारण आकर्षण'

किन्ही दो वस्तुओ के बिच में आकषर्ण होता है यह उनके द्रव्यमान और उनके बिच की दुरी पर निर्भर करता है,
   गुरुत्व के आकर्षण के कारन ही हमे भार महसूस होता है यह हमारे द्रव्यमान और गुरुत्वीय त्वरण 'g' पर निर्भर होता है इसका मान अलग अलग होता है और स्तिथि की सापेक्ष यह बदल जाता है उचाई और गहराई दोनों स्थितियों में यह बढ ज्यादा है,

हमारे धरती का गुरतविय त्वरण अलग है और चाँद का अलग है इसी कारन चाँद पर स्तिथ व्यक्ति का भार धरति पर बेठे व्यक्ति की तुलना में 1/6 गुना कम होता है

अब बात आती है धरती में क्या कहि पर गुरुत्वाकर्षण शून्य या कम हो सकता है तो केई भौगोलिक स्थितियों के कारन केइ जगह ये स्थितियों बन जाती है
वहा पर गुरत्व कम या नगण्य हो जाए तो व्यक्ति हल्का महसूस करता है
भारत में हिमाचल में उल्टा पानी जगह है वहाँ पर पानी की धरा उलटी बहती परतीत होती है वास्तव में यह हमारी आखो का भृम होता है क्योकि जहाँ हम होते है वहा से हमे पहाड़ पर चढ़ाई प्रतीत होती है लेकिन वास्तव में वह ढाल होती है ये पहाड़ी इलाको में मौजूद होता है ये दृस्टि भर्म होता है
ऐसा स्विट्जरलैंड में भी देखने को मिला है ।



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क्या दूसरे ग्रह के लोग धरती पर मौजूद है या थे ??

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