क्या सींग काटने से बचेंगे गेण्डे ?? ( South Africa dehorns dozens of Rhino to save them )

________ ◆इंसानी लालच के शिकार गेण्डे ◆_____
कोरोना के कारण वातावरण शुद्ध होने का समय मिला है और नदिया साफ होने लगी है और इंसानो को भी अपनी 
गलतियां नज़र आने लगी है , परंतु एक जीव है जो lockdown की वजह से खतरे की कगार पर है ।
'गेंडा' जी हां ये जिव लुप्तप्राय श्रेणी का जीव है और इस गेण्डे की संख्या अफ्रीका में 5600 के बराबर है ।
ये जिव जो की धरती का 3 करोड साल पुराना वासी है आज अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहा है।  आखिर क्यों??
को गेण्डे धरती पर लुप्त होने की कगार पर आ चुके है।
इसका कारण है 'इंसानी लालच'
गैंडो का शिकार -
गेण्डे भारत में पाये जाते हैं और साथ में अफ्रीका में भी मौजूद है पर दोनों जगह ये लुप्त होने को  है इसका कारण है 'इंसानी शिकार' और उनका लालच ।
बीते वर्षो में हज़ारो गैंडो को सिर्फ उनके सींगो के लिए मार दिया जाता है क्यों गेण्डे के सींग 45 लाख रुपये किलो के बिकते है और शिकारी इस लिए गैंडो का शिकार करते है।
 भारत और अफ्रीका में गैंडो के शिकार सिर्फ सींग के लिए होता है और सिंग से दवाइयों और सजावटी समान बनाया जाता है जिनकी ब्लैक मार्किट में डिमांड रहती है ।

सरकार के कदम - 
भारत सरकार का गैंडो के लिए बहुत से कदम उठाये गए है और उनके सवर्धन के लिए विस्तृत योजना बनाई गयी है और लगातार भारत में गेंडो की संख्या बढ़ रही है।
अफ्रीका के कदम -
अफ्रीका में 911 rhino नाम की संस्था ने गैंडो को बचाने का अनूठा कदम है जो उनके सींगो को काट रहे है क्योकि अधिकतर गेंडो को उनके सिंग के लिए मारा जाता और जब सिंग ही नही होगा तो मारेंगे किसलिए। अफ्रीका में दर्जन भर गैंडो का सिंग काटे है और इसके पॉजिटिव नतीजे देखने को मिलेगे क्योंकि कोरोना के कारण शिकारी भी बहुत अधिक एक्टिव हो गए है , पार्क और वनरक्षक गैंडो की सुरक्षा के लिए प्रयास में लगे हुए है और गश्त करते है । वन सरंक्षण टीम का कहना है की प्रतिवर्ष गैंडो की रक्षा में 6 लाख का खर्च आ जाता है ।
      भारत के रोहित शर्मा जो की एक होनहार क्रिकेटर है वह भी गैंडो की सुरक्षा के लिए प्रयासरत है और एनजीओ से जुड़े हुए है जो गैंडो की सुरक्षा में लगे हुए है।
 Pics credit - DW News

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