हरियालो राजस्थान योजना राजस्थान सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका उद्देश्य राज्य को हरित और सुंदर बनाना है। इस योजना के तहत, राज्य सरकार वृक्षारोपण, जल संचयन और अन्य पर्यावरण संबंधी कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। *मुख्य उद्देश्य:* - राज्य में वृक्षारोपण को बढ़ावा देना और वन क्षेत्र को बढ़ाना - जल संचयन और जल संरक्षण को प्रोत्साहित करना - पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के लिए काम करना - राज्य को सुंदर और हरित बनाना *कार्यक्रम और गतिविधियाँ:* - वृक्षारोपण अभियान: राज्य सरकार वृक्षारोपण अभियान चला रही है, जिसमें लोगों को वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। - जल संचयन: राज्य सरकार जल संचयन के लिए विभिन्न कार्यक्रम चला रही है, जैसे कि वर्षा जल संचयन और जल संरक्षण। - पर्यावरण संरक्षण: राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रही है, जैसे कि प्रदूषण नियंत्रण और वन संरक्षण। *लाभ:* - राज्य को हरित और सुंदर बनाने में मदद मिलेगी - पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलेगी - जल संचयन और जल संरक्षण में मदद मिलेगी - लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागर...
_____ प्रतिरोध_____
धारावाही चालक जिसमे धारा का प्रवाह होता है उनमे कुछ न कुछ प्रतिरोध मौजूद रहता है ऐसा कोई भी धारावाही चालक नई जिसमे प्रतिरोध नही हो ,
प्रतिरोध है क्या : प्रतिरोध धारावाही चालक में धारा के प्रवाह में उत्पन्न बाधा होती है , जब किसी धारा वाही चालक में धारा प्रवाहित होती है तो उस चालक में उपस्तिथ अणु जो इलेक्ट्रान के परवाह में बाधा पहुँचते है उन्हें गति को रोकते है प्रतिरोध का भाग होते है , ये अलग अलग होते है
जिसमे धारा आसानी से प्रवाहित हो जाती है उस धातु में न्यूनतम प्रतिरोध वाले होते है अर्थार्त उस धातु में आसानी से धारा बह जाती है और धारा इलेक्ट्रान के परवाह से होती है
और वे धातु चालक धातु होते है
जिन धातु में प्रतिरोध ज्यादा होता है उनमें धारा का परवाह धीमा या कम या होता ही नही है ये धातु कुचालक धातु होती है , इन धातु में इलेक्ट्रान प्रवाहित होने में ज्यादा दिक्क्त आती है अतः इन धातु को धारा के गमन में नही लेते है,
अब आप सोचोगे की आप कोनसी धातु ले
Cu और ag की धातु न्यून प्रतिरोध वाली होती है और hg और W टंगस्टन धातु का प्रतिरोध ज्यादा होता है धारा परवाह धीमा होता है
प्रतिरोध से ऊर्जा हानि :
जब धातु का प्रतिरोध ज्यादा होता है तो धातु में ऊष्मा हानि होती है इसलिए धातु गर्म हो जाती है
इस्ल्ये जो हीटर हीटर होते है उनमे उच्च प्रतीरोध वाली धातु लेते है
वही जिनमे कम प्रतिरोध से कम ऊर्जा हानि ऊष्मा के रूप में होते है उन्हें धारा परवाह में लेते है जेसे : Cu
इसलिए विद्युत तार तांबे के बनाये जाते है ।
धारावाही चालक जिसमे धारा का प्रवाह होता है उनमे कुछ न कुछ प्रतिरोध मौजूद रहता है ऐसा कोई भी धारावाही चालक नई जिसमे प्रतिरोध नही हो ,
प्रतिरोध है क्या : प्रतिरोध धारावाही चालक में धारा के प्रवाह में उत्पन्न बाधा होती है , जब किसी धारा वाही चालक में धारा प्रवाहित होती है तो उस चालक में उपस्तिथ अणु जो इलेक्ट्रान के परवाह में बाधा पहुँचते है उन्हें गति को रोकते है प्रतिरोध का भाग होते है , ये अलग अलग होते है
जिसमे धारा आसानी से प्रवाहित हो जाती है उस धातु में न्यूनतम प्रतिरोध वाले होते है अर्थार्त उस धातु में आसानी से धारा बह जाती है और धारा इलेक्ट्रान के परवाह से होती है
और वे धातु चालक धातु होते है
जिन धातु में प्रतिरोध ज्यादा होता है उनमें धारा का परवाह धीमा या कम या होता ही नही है ये धातु कुचालक धातु होती है , इन धातु में इलेक्ट्रान प्रवाहित होने में ज्यादा दिक्क्त आती है अतः इन धातु को धारा के गमन में नही लेते है,
अब आप सोचोगे की आप कोनसी धातु ले
Cu और ag की धातु न्यून प्रतिरोध वाली होती है और hg और W टंगस्टन धातु का प्रतिरोध ज्यादा होता है धारा परवाह धीमा होता है
प्रतिरोध से ऊर्जा हानि :
जब धातु का प्रतिरोध ज्यादा होता है तो धातु में ऊष्मा हानि होती है इसलिए धातु गर्म हो जाती है
इस्ल्ये जो हीटर हीटर होते है उनमे उच्च प्रतीरोध वाली धातु लेते है
वही जिनमे कम प्रतिरोध से कम ऊर्जा हानि ऊष्मा के रूप में होते है उन्हें धारा परवाह में लेते है जेसे : Cu
इसलिए विद्युत तार तांबे के बनाये जाते है ।
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