विज्ञान की दुनिया एक असीम असंख्य सीमा का ज्ञान है , जहा जा पाना और उसे पा पाना उसी तरह असंभव सा लगता है जैसे सूरज के पास जा पाना । अब आज का विज्ञान ब्रह्मांड के दूसरे संजीवो को खोजने में लगा है,और धरती के लगभग सभी अंतरिक्ष अनुसंधान वाले मंगल तक पहुंच चुके है । लेकिन अभी भी एलियन की खोज होना बाकी है जिसे अभी कपोल कल्पना ही माना है लेकिन सोचने की बात ये है की धरती पर मानव है उसी तरह इस ब्रह्मांड की कोई और धरती होगी और वहा के वासी भी होगे । और हो सके तो उनकी पहुंच अपनी धरती तक हो गई हो जो हमारे बीच ही रह रहे हो जैसे की जासूस ?? क्या जाने इसमें कितनी सचाई है या मेरी कल्पना बाकी उनकी कहानियां इन दिनों बहुत सी जगह सुनने में आती है सबसे ज्यादा अमेरिका तो क्या अमेरिका के एलियन से कोई संबंध या एलियन का उस धरती से सीधा जुड़ाव लगता है। सुनने में हैरान करता है की वहा की फिल्मों में इस तरह की चीज़े दिखाई गई है जैसे की "Men in black" और "Stranger things" में । बाकी आप अपनी राय जरूर बताएं ।
_____ प्रतिरोध_____
धारावाही चालक जिसमे धारा का प्रवाह होता है उनमे कुछ न कुछ प्रतिरोध मौजूद रहता है ऐसा कोई भी धारावाही चालक नई जिसमे प्रतिरोध नही हो ,
प्रतिरोध है क्या : प्रतिरोध धारावाही चालक में धारा के प्रवाह में उत्पन्न बाधा होती है , जब किसी धारा वाही चालक में धारा प्रवाहित होती है तो उस चालक में उपस्तिथ अणु जो इलेक्ट्रान के परवाह में बाधा पहुँचते है उन्हें गति को रोकते है प्रतिरोध का भाग होते है , ये अलग अलग होते है
जिसमे धारा आसानी से प्रवाहित हो जाती है उस धातु में न्यूनतम प्रतिरोध वाले होते है अर्थार्त उस धातु में आसानी से धारा बह जाती है और धारा इलेक्ट्रान के परवाह से होती है
और वे धातु चालक धातु होते है
जिन धातु में प्रतिरोध ज्यादा होता है उनमें धारा का परवाह धीमा या कम या होता ही नही है ये धातु कुचालक धातु होती है , इन धातु में इलेक्ट्रान प्रवाहित होने में ज्यादा दिक्क्त आती है अतः इन धातु को धारा के गमन में नही लेते है,
अब आप सोचोगे की आप कोनसी धातु ले
Cu और ag की धातु न्यून प्रतिरोध वाली होती है और hg और W टंगस्टन धातु का प्रतिरोध ज्यादा होता है धारा परवाह धीमा होता है
प्रतिरोध से ऊर्जा हानि :
जब धातु का प्रतिरोध ज्यादा होता है तो धातु में ऊष्मा हानि होती है इसलिए धातु गर्म हो जाती है
इस्ल्ये जो हीटर हीटर होते है उनमे उच्च प्रतीरोध वाली धातु लेते है
वही जिनमे कम प्रतिरोध से कम ऊर्जा हानि ऊष्मा के रूप में होते है उन्हें धारा परवाह में लेते है जेसे : Cu
इसलिए विद्युत तार तांबे के बनाये जाते है ।
धारावाही चालक जिसमे धारा का प्रवाह होता है उनमे कुछ न कुछ प्रतिरोध मौजूद रहता है ऐसा कोई भी धारावाही चालक नई जिसमे प्रतिरोध नही हो ,
प्रतिरोध है क्या : प्रतिरोध धारावाही चालक में धारा के प्रवाह में उत्पन्न बाधा होती है , जब किसी धारा वाही चालक में धारा प्रवाहित होती है तो उस चालक में उपस्तिथ अणु जो इलेक्ट्रान के परवाह में बाधा पहुँचते है उन्हें गति को रोकते है प्रतिरोध का भाग होते है , ये अलग अलग होते है
जिसमे धारा आसानी से प्रवाहित हो जाती है उस धातु में न्यूनतम प्रतिरोध वाले होते है अर्थार्त उस धातु में आसानी से धारा बह जाती है और धारा इलेक्ट्रान के परवाह से होती है
और वे धातु चालक धातु होते है
जिन धातु में प्रतिरोध ज्यादा होता है उनमें धारा का परवाह धीमा या कम या होता ही नही है ये धातु कुचालक धातु होती है , इन धातु में इलेक्ट्रान प्रवाहित होने में ज्यादा दिक्क्त आती है अतः इन धातु को धारा के गमन में नही लेते है,
अब आप सोचोगे की आप कोनसी धातु ले
Cu और ag की धातु न्यून प्रतिरोध वाली होती है और hg और W टंगस्टन धातु का प्रतिरोध ज्यादा होता है धारा परवाह धीमा होता है
प्रतिरोध से ऊर्जा हानि :
जब धातु का प्रतिरोध ज्यादा होता है तो धातु में ऊष्मा हानि होती है इसलिए धातु गर्म हो जाती है
इस्ल्ये जो हीटर हीटर होते है उनमे उच्च प्रतीरोध वाली धातु लेते है
वही जिनमे कम प्रतिरोध से कम ऊर्जा हानि ऊष्मा के रूप में होते है उन्हें धारा परवाह में लेते है जेसे : Cu
इसलिए विद्युत तार तांबे के बनाये जाते है ।
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