----------- पहाड़ो पर सांस लेने में दिक्कत क्यों आती है ??---------
पहाड़ो पर सांस लेने में दिक्कत आती है यह हवा की कमी यानि ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से होती है । अब आप यह कहेगे की ये ऑक्सीजन निचले areas में क्यों कम नही होती है और उच्चे पहाड़ी इलाको में जाने पर ऑक्सीजन की कमी आ जाती है ।
तो यह है 'घनत्व' का कारण है वायु का घनत्व पृथ्वी की सतह के पास ज्यादा होता है और निश्चित ऊँचाई पर बढ़ते जाने पर ऑक्सीजन का घनत्व घटना शुरू हो जाता है। इसीलिए पहाड़ी क्षेत्रो में जाने पर चक्कर आना ,सिर भारी होना, उल्टी आना, आदि के कारण यहि ऑक्सीजन की कमी है । पहाड़ी क्षेत्रो में apoxia रोग हो जाता है और मनुष्य भूलने लग जाता है।
पहाड़ो पर जाने वाले यात्री अपने साथ ऑक्सीजन के टैंक लेकर जाते है क्योकि वह ऑक्सीजन की कमी के कारण जल्दी थकने शुरू हो जाते है इसलिए वे अपने साथ ऑक्सीजन टैंक लेकर चलते है ।
पहाड़ो पर जाने वाले पहले एक निश्चित ऊँचाई पर जाकर अपने शरीर को उसके सहने लायक बनाते है फिर ऊपर की उचाई पर जाते है और धीरे धीरे ऊपर पहाड़ पर चढ़ते है जिससे उनके ऊपर उचाई का असर कम होता है ।
'पहाड़ की ऊँचाई किस्से लेते है'? -- पहाड़ की उचाई समुद्र तल से ली जाती है और सबसे ऊँचा पहाड़ 'mount everest' (world's largest mountain) है जिसकी ऊँचाई 8848मीटर है ।
भारत में कंचनजंगा , k2 , आदि ऊचे पहाड़ स्थित है ।
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