विज्ञान की दुनिया एक असीम असंख्य सीमा का ज्ञान है , जहा जा पाना और उसे पा पाना उसी तरह असंभव सा लगता है जैसे सूरज के पास जा पाना । अब आज का विज्ञान ब्रह्मांड के दूसरे संजीवो को खोजने में लगा है,और धरती के लगभग सभी अंतरिक्ष अनुसंधान वाले मंगल तक पहुंच चुके है । लेकिन अभी भी एलियन की खोज होना बाकी है जिसे अभी कपोल कल्पना ही माना है लेकिन सोचने की बात ये है की धरती पर मानव है उसी तरह इस ब्रह्मांड की कोई और धरती होगी और वहा के वासी भी होगे । और हो सके तो उनकी पहुंच अपनी धरती तक हो गई हो जो हमारे बीच ही रह रहे हो जैसे की जासूस ?? क्या जाने इसमें कितनी सचाई है या मेरी कल्पना बाकी उनकी कहानियां इन दिनों बहुत सी जगह सुनने में आती है सबसे ज्यादा अमेरिका तो क्या अमेरिका के एलियन से कोई संबंध या एलियन का उस धरती से सीधा जुड़ाव लगता है। सुनने में हैरान करता है की वहा की फिल्मों में इस तरह की चीज़े दिखाई गई है जैसे की "Men in black" और "Stranger things" में । बाकी आप अपनी राय जरूर बताएं ।
_____चाँद पर वायुमंडल_____
विज्ञान की दुनिया अनोखी और रोचक है यह जितनी देखी खोजी जाती है उतना ही इसमें विस्तार आता जाता है यह उसी तरह है जेसे हम रेत के पर्वत का एक कण उठा रहे हो । विज्ञान जितना मजेदार और रोचक है उतना समझने वाला विषय भी है तो आज का विषय है अपने "चाँद का वायुमंडल" |
हा तो क्या वायुमंडल है ? अगर है तो वह दिखाई क्यों नही देता है और अगर नही है तो उसके पीछे का वैज्ञानिक कारण क्या है ?? यही सब आज हम जानेंगे !!
पहले तो आप सब को पता होगा की वायुमंडल है क्या 'वायुमंडल एक गैसों का समूह है जो ग्रह के चारो और मौजूद रहता है और एक परत बनाता है और वह परत घनत्व में अलग अलग होती है जेसे जेसे हम वायुमंडल में घुसते चले जाते है वह परत उतनी सघन होती चली जाती है जेसे आप समझ ही गए होंगे की जेसे जेसे धरती के ऊपर जाते है हवा की सघनता घटती जाती है क्योकि वहाँ कई गेंस मौजूद नही रहती है जेसे 'ऑक्सीजन' ।
अब वायुमंडल क्यों और कैसे बनता है जब किसी ग्रह का गुरुत्व का आकर्षण लगता है और उसके भीतर गैसों के कण गति करते है तो उनकी गति के कारण वेग उत्पन्न होता है और अगर वह वेग उस ग्रह के पलायन वेग से ज्यादा हो जाते है तो वह गैस के कण उस ग्रह के बाहर निकल जाते है अब ये पलायन वेग क्या है?
पलायन वेग वह वेग है जो किसी कण को बाह्य सौर मंडल में जाने के लिए किसी कण को चाइए होता है |
धरती का पलायन वेग 11.2km/sec है और धरती पर मौजूद गैसों का वेग लगभग 3 या 2 km/sec होगा जो उन्हें पलायन करने के बराबर वेग नही दे पाता है और वे वही रह जाती है वायुमंडल का निर्माण करती है ।
अब आती है चाँद की बात तो चाँद का पलायन वेग तो वहाँ गुरुत्व का आकर्षण कम होना के कारण पलायन वेग 2.5 km/sec* के आसपास है (वैज्ञानिक मान नही है) और वहाँ की गैसों का वेग 3 या 4km/sec है जो आसानी से सौर मंडल में पलायन कर सकती है इसलिए वे वहाँ वायुमंडल नही बना पाते है
और यही कारण है की चाँद का वायुमंडल नही बन पाता है |
अब वायुमंडल क्यों और कैसे बनता है जब किसी ग्रह का गुरुत्व का आकर्षण लगता है और उसके भीतर गैसों के कण गति करते है तो उनकी गति के कारण वेग उत्पन्न होता है और अगर वह वेग उस ग्रह के पलायन वेग से ज्यादा हो जाते है तो वह गैस के कण उस ग्रह के बाहर निकल जाते है अब ये पलायन वेग क्या है?
पलायन वेग वह वेग है जो किसी कण को बाह्य सौर मंडल में जाने के लिए किसी कण को चाइए होता है |
धरती का पलायन वेग 11.2km/sec है और धरती पर मौजूद गैसों का वेग लगभग 3 या 2 km/sec होगा जो उन्हें पलायन करने के बराबर वेग नही दे पाता है और वे वही रह जाती है वायुमंडल का निर्माण करती है ।
अब आती है चाँद की बात तो चाँद का पलायन वेग तो वहाँ गुरुत्व का आकर्षण कम होना के कारण पलायन वेग 2.5 km/sec* के आसपास है (वैज्ञानिक मान नही है) और वहाँ की गैसों का वेग 3 या 4km/sec है जो आसानी से सौर मंडल में पलायन कर सकती है इसलिए वे वहाँ वायुमंडल नही बना पाते है
और यही कारण है की चाँद का वायुमंडल नही बन पाता है |
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