विज्ञान की दुनिया अनोखी और रोचक है , आप इसके बारे में जितना जानो कम ही है ।
जहाज़ इतने बड़े और लोहे के बने होते है और इनका वजन कई टन में होता है लेकिन आप देखते है ये नदी हो या बड़ा अथाह समुद्र लहरे हो या स्थिर जल उसमे तैरते रहते है आप को प्रशन होता होगा की ये क्यों तैरते है ? तो आपको ये सब के लिए विज्ञान के उत्प्लावन बल के सिद्धान्त अर्थार्त 'आर्किमिडीज़ के सिद्धान्त' का ज्ञान होना चाइए ।
'आर्किमिडीज़ का सिद्धान्त' : आर्किमिडीज़ ने कहा की अगर कोई वस्तु पानी में डूबी है या आधी डूबी है तो वह पानी में तभी डूबेगी जब उसके द्वारा हटाया गया पानी का भार उसके भार से कम हो , यानि अगर वह उतना पानी हटा देती है तो वह पानी में तैरती रहेगी ।
साथ में यह घनत्व का भी अहम् योगदान है अगर किसी वस्तु का घनत्व अधिक है और एरिया सरफेस कम घेरती है तो वह पानी में कम फैलेगी और उसके द्वारा डूबने की आशंका ज्यादा होगी उसकी आक्रति उसके डूबने में योगदान देगी ।
पानी के जहाज़ की आक्रति इसी तरह बनाई जाती है की वह अपने वजन के बराबर पानी हटाती है और सतह पर तैरती रहती है ।
अगर हम कोई लोहे की गेंद या सुई को जल में डाले तो वह डूब जायेगी क्योकि वह घनत्व में पानी के घनत्व से ज्यादा होगी और आर्किमिडीज़ के सिद्धान्त से वह उतना पानी नही हटा पायेगी और डूब जायेगी ।
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