सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

क्या दूसरे ग्रह के लोग धरती पर मौजूद है या थे ??

विज्ञान की दुनिया एक असीम असंख्य सीमा का ज्ञान है , जहा जा पाना और उसे पा पाना उसी तरह असंभव सा लगता है जैसे सूरज के पास जा पाना ।  अब आज का विज्ञान ब्रह्मांड के दूसरे संजीवो को खोजने में लगा है,और धरती के लगभग सभी अंतरिक्ष अनुसंधान वाले मंगल तक पहुंच चुके है । लेकिन अभी भी एलियन की खोज होना बाकी है जिसे अभी कपोल कल्पना ही माना है लेकिन सोचने की बात ये है की धरती पर मानव है उसी तरह इस ब्रह्मांड की कोई और धरती होगी और वहा के वासी भी होगे । और हो सके तो उनकी पहुंच अपनी धरती तक हो गई हो जो हमारे बीच ही रह रहे हो जैसे की जासूस ?? क्या जाने इसमें कितनी सचाई है या मेरी कल्पना बाकी उनकी कहानियां इन दिनों बहुत सी जगह सुनने में आती है सबसे ज्यादा अमेरिका तो क्या अमेरिका के एलियन से कोई संबंध या एलियन का उस धरती से सीधा जुड़ाव लगता है। सुनने में हैरान करता है की वहा की फिल्मों में इस तरह की चीज़े दिखाई गई है जैसे की "Men in black" और "Stranger things" में । बाकी आप अपनी राय जरूर बताएं ।

मुझे बनना है Topper : कैसे करे एग्जाम क्रैक

        मेँ बनूंगा topper :

    बच्चों में आजकल होड़ मची है topper बनने की बच्चे के मन में सवाल रहता है एग्जाम में कैसी तैयारी करू की में परीक्षा में topper बन जाओ तो ये आप तभी कर पाओगे जब आप अच्छी तैयारी और study material की बढ़िया knowledge रखते हो । तो आप को में कुछ तरीके बताऊगा जिनसे आप एग्जाम को बढ़िया कर पाओगे और अपने सपने को पूरा कर पाओगे

शुरुआत कैसे करे ? :
                             तो सबसे पहले आपको जिसकी तैयारी करनी है उस विषय की पूरा सिलेबस की सभी आवश्यक नोट्स का पूरी व्यवस्था कर ले , फिर आपको ऐसा करना है की टाईमटेबल सेट करना जिसमे सभी सिलेबस का स्टडी मटेरिअल cover हो जाये तो आपको सबसे पहले यह पूरा कर लेना है , अगर आप को यह मटेरिअल हार्ड लगता है तो आप इसके लिए ट्यूटर रख सकते है ।

  सिलेबस रिडिंग :
        
  फिर आती है बारी सिलेबस को कवर करके रिडिंग की तो आपको जो पढ़ना है उसे पढ़कर आप उस एक टॉपिक का एक शार्ट टेस्ट जरूर दे जिससे आप को आपके याद हुए मेटेरियल को लिखना आसान होने के साथ में आपकी तैयारी का संकेत हो जायेगा अगर आप 10th और 12th बोर्ड में हो तो प्रत्येक चैप्टर complete होने पर उसका टेस्ट जरूर दे ।
  साथ में आप एक बड़ा टेस्ट दे जिसमे तीन या चार टॉपिक साथ में आते हो इससे आप अपने मटेरिअल को आसानी से कवर उप करेगे ।

    एग्जाम से पहले की तैयारी :
  
          अब आती है बारी जब एग्जाम नज़दीक हो तो जो आपने पढ़ा है उसका revision करके ज्यादा से ज्यादा टेस्ट देने की कोशिश करे आप को इस समय अपनी तैयारी परखने का मौका होगा और खामी भी दूर करने का समय। आप इस समय शार्ट नोट्स बना ले जो अंतिम समय में काम आयेगे ।

पेपर से पहले की तैयारी :
   
अब आ जाती है अंतिम दिन की तैयारी तो आपने जो भी पढ़ा है उसे एक बार पढ़ ले फिर शार्ट नोट्स को भी पढ़ ले इस दिन कुछ एक्स्ट्रा न पढ़े और अन्य कोई चीज़ जो आपने अपनी तैयारी के वक़्त नही पढ़ी उसे न पढ़े इससे आपका ध्यान divart  होगा आप अपना आत्मविश्वास ज्यादा रखे ।

पेपर कैसे करे :
   
आपने अपने पूरी तैयारी करी उस पर विश्वास करे और आपको जो आता है उसे पहले करे आप यहाँ कुछ एक्स्ट्रा न लिखे जो पूछा है उसी का उत्तर दे अपने उत्तर को सिमित और सटीक लिखे और सूंदर भाषा में लिखे ।
पेपर के समय हड़बड़ाए नही ये कोई जिंदगी का सवाल नही है आराम से ठन्डे दिमाग से करे आपका पेपर बहुत अच्छा होगा ।
आप ये सब बातों को अपनाओगे तो निश्चित सफल हो जाओगे ।

 
   
        

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

राजस्थान की प्रसिद्ध साहित्यिक कृतियां

Special RAS MAINS EXAM राजस्थानी साहित्य की कुछ प्रमुख रचनाएँ  (पार्ट- 1) ▪️पृथ्वीराज रासौ (चन्दबरदाई) : इसमें अजमेर के अन्तिम चैहान सम्राट- पृथ्वीराज चौहान तृतीय के जीवन चरित्र एवं युद्धों का वर्णन। यह पिंगल में रचित वीर रस का महाकाव्य है। माना जाता है कि चन्द बरदाई पृथ्वीराज चैहान का दरबारी कवि एवं मित्र था। ▪️खुमाण रासौ ( दलपत विजय ) : पिंगल भाषा के इस ग्रन्थ में मेवाड़ के बप्पा रावल से लेकर महाराजा राजसिंह तक के मेवाड़ शासकों का वर्णन है। ▪️विरूद छतहरी, किरतार बावनौ (कवि दुरसा आढ़ा) : विरूद् छतहरी महाराणा प्रताप को शौर्य गाथा है और किरतार बावनौ में उस समय की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति को बतलाया गया है। दुरसा आढ़ा अकबर के दरबारी कवि थे। इनकी पीतल की बनी मूर्ति अचलगढ़ के अचलेश्वर मंदिर में विद्यमान है। ▪️बीकानेर रां राठौड़ा री ख्यात (दयालदास सिंढायच) : दो खंडोे के ग्रन्थ में जोधपुर एवं बीकानेर के राठौड़ों के प्रारंम्भ से लेकर बीकानेर के महाराजा सरदार सिंह सिंह के राज्यभिषेक तक की घटनाओं का वर्णन है ! ▪️सगत रासौ (गिरधर आसिया) : इस डिंगल ग्रन्थ में महाराणा प्रताप के छोटे भाई शक्तिसि...

First Fort in Rajasthan which Has Lift : Junagarh Fort Bikaner [ Fort of Rajasthan ]

बीकानेर का किला  जूनागढ़ दुर्ग , गढ़ चिंतामणि दुर्ग,जमीन का जेवर आदि नामों से प्रचलित है । जूनागढ़ किला बीकानेर सिटी के मध्य भाग में स्थित है और बीकानेर का प्रमुख पर्यटन स्थल भी है जिसे देखने देश विदेश और राजस्थान की सैलानी आते है। आइए जानते है जूनागढ़ के बारे में - जूनागढ़ के किले का निर्माण राठौड़ वंश के शासक महाराजा रायसिंह के द्वारा सन 1594 ईस्वी में बनवाया गया वह स्वयं युद्ध अभियानों में रहने के कारण इसे प्रधानमंत्री करमचंद के सानिध्य में बना। महाराजा रायसिंह बीकानेर के प्रथम शासक थे जिन्होंने महाराधिराज की उपाधिि ली। महाराज रायसिंह अकबर के मनसबदार थे। जूनागढ के किले की पूरी वीडियो tour guide जूनागढ़ के किले में प्रवेश द्वार सुरजपोल है और इस द्वार पर वीर जयमल मेड़तिया और फत्ता सिसौदिया की गजरूढ़ प्रतिमा लगी हुई है। ये दोनो वीर अकबर के 1568 के चित्तौड़ आक्रमण में अतुलनीय वीरता का प्रमाण दिया और वीरगति को प्राप्त हुए  राजपूत शक्ति और साहस का उत्कर्ष ये दोनो वीर थे। इनकी वीरता का राजस्थान इतिहास में  अहम स्थान है। इनकी प्रतिमा महाराजा रायसिंह द्वारा लगवाई गई...

जैसलमेर के ऐतिहासिक जैन मंदिर Jain Temples of Jaisalmer

राजस्थान की धरती क्षत्रिय की धरती रही है और कण कण में स्वाभिमान और मिट्टी के प्रति प्रेम है। राजस्थान की राजधानी जयपुर से कुछ 400 से 500 km की दूरी पर राजस्थान के सोने की नगरी यानी स्वर्णनगरी जैसलमेर स्थित है जो भाटी राजपूतों की रियासत थी। इस सिटी का नाम स्वर्णनगरी इसके पीले संगमरमर से बने आलीशान महलों इमारतों से हुआ है इस शहर में सभी घर पीले संगमरमर से बने है जो चमकती धूप में सोने का अहसास दिलाते है। भाटी राजाओं ने आज से 865 साल पहले इसे बसाया और सोनार किला बनवाया । सोनार किला के भीतर जैन टेंपल और अन्य कई हवेलियां है और इस किले के भीतर एक पूरा शहर बसा है यह राजस्थान का दूसरा बड़ा किला है।  Jain Temples of Jaisalmer - Jain Mandir Jaisalmer fort YouTube video पतली पतली इसकी गलियों से होते हुए जैन टेंपल के समूह आता है जो अपनी नक्काशी , स्थापत्य और मूर्तिकला के लिए जाना जाता है इसकी स्थापत्य और भवन निर्माण अदभुत है यह भगवान महावीर जी का मंदिर है और इसकी स्थापत्य देखते ही बनती है। इन मंदिरों का निर्माण 400 से 600 साल के बीच माना जाता है। यह मंदिर किले के दर्शनीय स्थलों में ...