क्या आपको अज़ीब लगा की प्रकाश की रफ़्तार से तेज़ कोई हो सकता है ... सुनने में यह अपने को लग सकता है की हा कोई ऐसी चीज़ चल भी पाये पर प्रकाश की रफ़्तार के बारे में जान लीजिये फिर बताइये तो प्रकाश की गति होती है 300000000 m/sec
यानि हर एक सेकंड में लाइट इतनी दुरी तय कर जाती है
अब आप बताइये की ये मुमकिन है अब आप कहेगे नही
सही है ये मुमकिन किसी सॉलिड द्रव्यमान की वस्तु के लिए उतना ही नाममुंकिन है जितना की चाँद पर हवा
तो अब ये मुमकिन कैसे हो सकता है ऐसी वस्तु का निर्माण जिसका द्रव्यमान स्थिर होने पर न हो गतिमान होने पर अल्प हो जाये और उसके द्वारा ऊर्जा की उत्पत्ति स्वयं हो तो यह मुमकिन है पर ये होना आज के
विज्ञान में संभव नही है ऊर्जा की निर्माण के लिए स्त्रोत होगा ही होगा और उस ऊर्जा का स्त्रोत का द्रव्यमान भी होगा और वह भार उस वस्तु को धीमा कर देगा
सापेक्ष रूप में कहे तो यह हवा से एनर्जी ले तो भी यह अपने भार में वृद्धि करेगी लेकिन यदि हम इस स्त्रोत ढूंढे जो न अपने निर्गत से ऊर्जा ले साथ में ऊर्जा मान नियत रहे तो ये मुमकिन है तब ये संभव हो पायेगा...
तब तक प्रकाश ही अधिकतम गतिमान रहेगा......
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