जेड प्लांट के फायदे [ scientific credible benefits of Jade plant ]

        _benifits of Jade plant__. 

              जेड प्लांट के बारे में एक बात मशहूर है कि यह प्लांट जहां भी लगाया जाता है वहां खुशियां अवश्य  लेकर आता है और जेड प्लांट को लकी प्लांट भी कहते हैं और जेड प्लांट की खूबियां यह है कि यदि आप जेड प्लांट को अपने घर की बालकनी टेरेस्ट पर लगाते हैं तो एक तो यह आपकी गार्डन की शोभा बढ़ाता है साथ ही साथ यह घर की पॉजिटिव एनर्जी को भी बढ़ाता है इस प्लांट को मनी प्लांट की तरह एक धन सुख समृद्धि का सूचक माना गया है यह मूल रूप से दक्षिण अफ्रीका का प्लांट है और विश्व भर के अंदर लोगों के द्वारा अपने घरों में सुशोभित किया जाता है |
.           "crasula ovata" plant
     
              जेड प्लांट को पहचानने के लिए इसकी पत्तियां ओवल शेप में होती है और यह एक छोटे से पेड़ के रूप में होता है जैसे पेड़ में तना होता है उसी तरह जेड प्लांट में डालियां और तना होता है
        तब हम बात करते हैं कि जेड प्लांट को किस दिशा के अंदर लगाना चाहिए कि यह घर की वास्तु के हिसाब से सही दिशा के अंदर लगे तो सबसे पहले हम एक बात जरूर देखें कि हम जिस दिशा के अंदर जेड प्लांट को लगाएं वहां पर भरपूर सूर्य की रोशनी 3 से 4 घंटे रहनी चाहिए और जेड प्लांट को गर्मियों में प्रतिदिन पानी देना चाहिए और इसे हमेशा दक्षिण पूर्व की दिशा के अंदर लगाना उचित रहता है तो आप जेड प्लांट को लगाते समय इस दिशा को चुनें जिससे श्री गणेश जी की दिशा में आप इसे लगा पाएंगे और यह आपकी समृद्धि में एक योजक होगा जेड प्लांट और मनी प्लांट दोनों अगर साथ साथ हो तो यह दोनों प्लांट वातावरण को शुद्ध करने में भी सहायक हैं तो आप इन दो प्लांटों को अवश्य अपने घर की गार्डन में जरूर लगाएं |

राजस्थान के यूनेस्को द्वारा घोषित पर्यटन स्थल [ Unesco site's of rajasthan ]

राजस्थान के यूनेस्को द्वारा घोषित स्थल जो राजस्थान की शोभा बढ़ाते हैं उनके बारे में आज हम जानेंगे और वह हमारे आसपास कहां कहां कहां मौजूद है उनके बारे में हम पढ़ेंगे राजस्थान अपने राजस्थान अपने सांस्कृतिक और अमूल्य कलाओं के लिए प्रसिद्ध है और यहां के किले महल पूरे विश्व में अपनी अलग ही पहचान रखते हैं राजस्थान के वीरों की शौर्य गाथा है है तो सबने अपनी जीवन में उतारी है साथ ही साथ राजस्थान की  क्षत्राणी ने अपने आन बान और शान के लिए जो बलिदान दिए हैं वह इतिहास में दर्ज है राजस्थान अपनी अमूल्य धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है और विश्व में अपनी एक अलग ही पहचान बनाए हुए हैं तो यूनेस्को के द्वारा 8 रमणीय स्थल बताए हैं जिनकी हम आज जानकारी प्राप्त करें
  • *1* चित्तौड़गढ़ दुर्ग -
तो पहला जो दुर्ग है वह है चित्तौड़गढ़ दुर्ग तो यह दुर्ग उदयपुर जिले में मौजूद है और यह अपने विशालतम आकार और अपने उत्कृष्ट राजपूताना आर्किटेक्चर के लिए पहचाना गया है यह एक ऊंची पहाड़ी पर निर्मित दुर्ग है जो अपनी निर्माण कला के लिए विश्व प्रसिद्ध है इस दुर्ग को जल महल के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहां पर क्योंकि यहां पर सूर्य से पानी पानी संग्रह के स्थान थे जिनमें से 22 पानी एकत्र के स्थान अभी भी किले अभी भी किले में मौजूद कहा जाता है कि यह 50,000 सैनिकों के पानी की जरूरत को पूरा कर सकता था तो इस प्रकार राजस्थान का यह किला मेवाड़ के सिसोदिया राजवंश की अमूल्य धरोहर और राजस्थान की शान है ।

* 2 * कुंभलगढ़ दुर्ग -
 राजस्थान का दूसरा यूनेस्को द्वारा घोषित  स्थल कुंभलगढ़ दुर्ग है जो अपने निर्माण के लिए विश्व प्रसिद्ध है यह एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित किला अपने चारों ओर 36 किलोमीटर 36 किलोमीटर में फैली चारदीवारी से घिरा है जो इसकी है जो इसकी सुरक्षा में बनाई गई है यह किला एक तरह से अभेद्य किला है और इसकी चारदीवारी चीन की दीवार से ही छोटी है अर्थात विश्व में दूसरे नंबर की सबसे लंबी दीवार है यह किला समुद्र तल से  1914 मीटर ऊँची पहाड़ी पर स्थित है।  इस किले के अंदर रमणीय बगीचे महल और मंदिर अवस्थित है इस किले का निर्माण मेवाड़ के राणा कुंभा के द्वारा करवाया गया तो राजस्थान के यूनेस्को द्वारा घोषित यह स्थल अत्यंत रमणीय रमणीय और दर्शन योग्य है है।

*3* जंतर मंतर - 
जंतर मंतर एक खगोलीय वेधशाला है जिसका निर्माण राजकुमार जय सिंह द्वितीय ने किया था, जिन्होंने इसे खगोलीय कौशल और ब्रह्मांड विज्ञान की अवधारणा के बारे में अधिक जानने के लिए बनाया था। वहाँ कई उपकरण बनाए गए हैं और राजकुमार खुद विद्वान थे, जिनकी खगोल विज्ञान और ब्रह्मांड विज्ञान में गहरी रुचि थी। नग्न आंखों के साथ खगोलीय पिंडों के अवलोकन के लिए बनाया गया है और सूरज डायल और विभिन्न अन्य जैसे उपकरण हैं जो सितारों और अन्य की सटीक स्थिति प्राप्त करने में मदद करते हैं। इस प्रकार यह उपयुक्त है कि इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर में से एक के रूप में नामित किया गया है। वेधशाला का एक बड़ा उदाहरण जिसका मध्यकाल के लोगों पर गहरा लौकिक प्रभाव है। इसमें खगोलीय उपकरणों का बहुत व्यापक सेट है और यह जयपुर शहर के केंद्र में स्थित है जो इसे पर्यटकों के लिए आसानी से उपलब्ध कराता है। प्रसिद्ध वेधशाला हर साल हजारों पर्यटकों द्वारा देखी जाती है,  जंतर मंतर राजस्थान की अमूल्य धरोहर है अतः जब भी राजस्थान भ्रमण के लिए आए तो जंतर मंतर  को अपने भ्रमण डायरी में जरूर  रखिएगा
* 4* रणथंभौर दुर्ग - 

रणथंभौर किला, यह 700 फीट की ऊंचाई पर एक पहाड़ी पर अवस्थित है जो अपनी जीवटता को बने हुए है  पार्क के अंदर 5 किलोमीटर की दूरी पर है। चौहान वंश के राजपूत राजा सपालदक्ष ने इस किले की आधारशिला रखी और बाद में कई अन्य राजाओं ने किलेबंदी के लिए योगदान दिया, लेकिन प्रमुख भूमिका राव हम्मीर देव चौहान द्वारा निभाई गई जो की एक प्रतापी चौहान राजा हुए जिन्होंने मातृभूमि के लिए प्राणों की आहुति दे दी और उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए 32 स्तंभों को आज भी रखा गया है जो एक प्रमुख पर्यटक स्थल आकर्षण है यह एडवेंचर हॉलिडे और वाइल्डलाइफ टूर के लिए सबसे अच्छा दर्शनीय स्थल है क्योंकि यहाँ बाघ  सहित कई जानवर देखे जाते हैं।
 *5* गागरोन किला -
Gagron झालावाड़ जिला में कोटा के पास और यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है जो इतिहास में सती या जौहर का प्रदर्शन करने वाली महिलाओं द्वारा उल्लेखनीय पराक्रम के लिए जाना जाता है और यहां दो जीवित जलाने की बात कही गई है जिसमें सैकड़ों महिलाओं ने अपनी सतीत्व को बचाने के लिए खुद को अग्निदेव के हवाले कर  दिया गागरोन किला तीन तरफ से जल निकायों से घिरा हुआ है जो इसे अद्वितीय अनूठा बनाता है और इसमें उल्लेखनीय निर्माण है क्योंकि यह एक तरफ से बुर्ज की पहाड़ी से समर्थन लेता है। राजस्थान में घूमने के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक माना जाता है और एकमात्र किला है जिसमें तीन आंगन हैं क्योंकि आमतौर पर किलों में दो होते हैं। प्रसिद्ध किला 12 वीं शताब्दी में राजा बिजिलि देव द्वारा बनवाया गया था और इस पर 300 वर्षों के आसपास खींची राजवंश का शासन था जिसके बाद मुगलों द्वारा इस पर हमला किया गया था। अन्य प्रमुख पर्यटक आकर्षण इस किले के तोते हैं जो भारतीय तोतों के आकार से दोगुने हैं और मानव की आवाज़ की नकल करते हैं। उन्हें हीरामन तोते के रूप में जाना जाता है और किला कालीसिंध और आहु नदियों के बीच में स्थित है और यह चारों ओर से हरियाली से घिरा हुआ है जो इसे प्रमुख पर्यटक आकर्षण और एक उत्कृष्ट पिकनिक स्थल बनाता है। गागरोन का किला राजस्थान की एक अमूल्य धरोहर है और राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है ।

*6* आमेर का क़िला - 
अंबर किला राजा श्री मान सिंह जी I द्वारा निर्मित सबसे राजसी किलों में से एक है और यह एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। इस प्रसिद्ध किले को इस आमेर किले की कलात्मक शैली के रूप में नामित किया गया है जिसमें हिंदू और राजपूत तत्वों का मिश्रण है। दीवान-ए-आम और दीवान-ए-ख़ास जिन्हें हॉल ऑफ़ पब्लिक और हॉल ऑफ़ प्राइवेट ऑडियंस के रूप में जाना जाता है, में बहुत ही सुंदर मौजिज कार्य हैं। इसके अलावा, एक सुख निवास या सुख मंदिर है जो राजस्थान में सबसे अच्छी जगहों में से एक है। सुंदर वास्तुकला में हॉल में इसके माध्यम से चलने वाले जल चैनल हैं और ठंडा पानी वहन करते हैं जो हवा से थोड़ी मदद से एयर कूलर के रूप में काम करता है। दरवाजे हाथी दांत और चंदन से बने हैं। इसके अलावा, शीश महल भी है, जो अपनी दीवार पर हज़ारों कांचों के साथ बनाया गया है| यह किला निर्माण की एक अनूठी पहचान है जो राजस्थान के वास्तु कला शिल्प कला और निर्माण करता हूं की उत्कृष्टता के प्रमाण है राजस्थान के मुगल काल में सबसे अधिक विस्तृत और विशालतम राज्य जयपुर राज्य ही था ।

* केवलादेव पक्षी अभ्यारण्य - 

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पक्षियों की विभिन्न प्रजातियाँ हैं और दलदली भूमि भी है जो पक्षियों के प्रजनन के लिए प्राकृतिक आवास बनाती है क्योंकि उन्हें कीड़े और मछली के रूप में खाने के लिए पर्याप्त भोजन मिलता है। पक्षियों की लगभग 364 प्रजातियाँ यहाँ पाई जाती हैं और दूर सुदूर पूर्व के साइबेरियन क्रेन यहाँ नियमित रूप से देखे जाते हैं। पक्षियों के प्रवासी मौसम के दौरान, वे अफगानिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, चीन और साइबेरिया के माध्यम से सभी तरह से आते हैं और इसे यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल के रूप में नामित किया गया है। पक्षियों की कई दुर्लभ प्रजातियाँ हैं जो यहाँ पाई जाती है। इसे 1982 में एक राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। अभयारण्य के बाहर जल पुनर्स्थापन से विनियमित आपूर्ति होती है ताकि पक्षियों के लिए भोजन की कमी न हो

मनी प्लांट को लगाने की सही दिशा और मनी प्लांट के फायदे ( devil's ivy right direction and benefits of devil's ivy plant )

plant tips
 मनी प्लांट भारतीय महादीप का बेल रूपी प्लांट है और यह बेल है और इसको बढ़ने के लिए सहारे की जरूरत होती है ।
इस प्लांट को पहचान बहुत ही आसान है क्योकि इसकी पत्तियो की आक्रति दिल के शेप में और एकांतर क्रम में होती है ।
 मनी प्लांट कब लगाना चाहिए ? -

मनी प्लांट को लगाने का सही समय बारिश के मौसम रहता है क्योकि ये प्लांट बेल ( लता रूपी) के रूप में फैलने वाला प्लांट है।

इस पौधे को बुधवार के दिन व रेवती नक्षत्र में लगाना चाहिए। ध्यान रहे कि मनीप्लांट के पौधे की बेले कभी भी जमीन पर लटकनी नहीं चाहिए। इन बेलों को किसी डोर के माध्यम उपर जाना चाहिए | और हमेशा इसे घर के अंदर पूर्व दिशा में ही लगाना चाइये।

मनी प्लांट लगाने से क्या होता है ? -

इस दिशा में यह पौधा लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का भी लाभ मिलता है। मनीप्लांट को आग्नेय यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाने का कारण यह है कि इस दिशा के देवता गणेशजी हैं जबकि प्रतिनि‍धि शुक्र हैं। गणेशजी अमंगल का नाश करने वाले हैं जबकि शुक्र सुख-समृद्धि लाने वाले होते है.. इसलिए मनीप्लांट को आग्नेय दिशा में लगाना उचित माना गया है। और आप इसे घर में उसी दिशा में लगाये।

क्या सींग काटने से बचेंगे गेण्डे ?? ( South Africa dehorns dozens of Rhino to save them )

________ ◆इंसानी लालच के शिकार गेण्डे ◆_____
कोरोना के कारण वातावरण शुद्ध होने का समय मिला है और नदिया साफ होने लगी है और इंसानो को भी अपनी 
गलतियां नज़र आने लगी है , परंतु एक जीव है जो lockdown की वजह से खतरे की कगार पर है ।
'गेंडा' जी हां ये जिव लुप्तप्राय श्रेणी का जीव है और इस गेण्डे की संख्या अफ्रीका में 5600 के बराबर है ।
ये जिव जो की धरती का 3 करोड साल पुराना वासी है आज अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहा है।  आखिर क्यों??
को गेण्डे धरती पर लुप्त होने की कगार पर आ चुके है।
इसका कारण है 'इंसानी लालच'
गैंडो का शिकार -
गेण्डे भारत में पाये जाते हैं और साथ में अफ्रीका में भी मौजूद है पर दोनों जगह ये लुप्त होने को  है इसका कारण है 'इंसानी शिकार' और उनका लालच ।
बीते वर्षो में हज़ारो गैंडो को सिर्फ उनके सींगो के लिए मार दिया जाता है क्यों गेण्डे के सींग 45 लाख रुपये किलो के बिकते है और शिकारी इस लिए गैंडो का शिकार करते है।
 भारत और अफ्रीका में गैंडो के शिकार सिर्फ सींग के लिए होता है और सिंग से दवाइयों और सजावटी समान बनाया जाता है जिनकी ब्लैक मार्किट में डिमांड रहती है ।

सरकार के कदम - 
भारत सरकार का गैंडो के लिए बहुत से कदम उठाये गए है और उनके सवर्धन के लिए विस्तृत योजना बनाई गयी है और लगातार भारत में गेंडो की संख्या बढ़ रही है।
अफ्रीका के कदम -
अफ्रीका में 911 rhino नाम की संस्था ने गैंडो को बचाने का अनूठा कदम है जो उनके सींगो को काट रहे है क्योकि अधिकतर गेंडो को उनके सिंग के लिए मारा जाता और जब सिंग ही नही होगा तो मारेंगे किसलिए। अफ्रीका में दर्जन भर गैंडो का सिंग काटे है और इसके पॉजिटिव नतीजे देखने को मिलेगे क्योंकि कोरोना के कारण शिकारी भी बहुत अधिक एक्टिव हो गए है , पार्क और वनरक्षक गैंडो की सुरक्षा के लिए प्रयास में लगे हुए है और गश्त करते है । वन सरंक्षण टीम का कहना है की प्रतिवर्ष गैंडो की रक्षा में 6 लाख का खर्च आ जाता है ।
      भारत के रोहित शर्मा जो की एक होनहार क्रिकेटर है वह भी गैंडो की सुरक्षा के लिए प्रयासरत है और एनजीओ से जुड़े हुए है जो गैंडो की सुरक्षा में लगे हुए है।
 Pics credit - DW News

गुजरात में अफ्रीका : सिडी समुदाय के लोग

गुजरात में अफ्रीका -
भारत में प्राचीन समय से अफ्रीका से लोगो का 
आना जाना रहा है और उनमे से कुछ तो यहाँ 
भारत में बस भी चुके है ।

मूल अफ़्रीकी -

  गुजरात में रहने वाले सीडी समुदाय के लोग जो की मूल अफ़्रीकी है बरसो से गुजरात के गिर और जूनागढ़ इलाके में बसे है , कुछ गांव तो सारे के सरे इन्ही के है
 गुजरात के इन इलाको में रहते हुए ये अपनी भाषा 
गुजराती और हिंदी ही जानते है।

आबादी और विशेषता -

इनकी आबादी 13000 है और ये ज्यादा पढ़े लिखे नही है और मज़दूरी करते है।
सिडी समुदाय के लोग मुस्लिम है , इस समुदाय के लोगो का 'धमाल न्रत्य' बहुत ही मश्हूर है।
तो भारत की विविधता इस प्रकार है की एक मिनी अफ्रीका गुजरात में बसा है । 

क्या दूसरे ग्रह के लोग धरती पर मौजूद है या थे ??

विज्ञान की दुनिया एक असीम असंख्य सीमा का ज्ञान है , जहा जा पाना और उसे पा पाना उसी तरह असंभव सा लगता है जैसे सूरज के पास जा पाना ।  अब आज का...