जूनागढ़ किला बीकानेर सिटी के मध्य भाग में स्थित है और बीकानेर का प्रमुख पर्यटन स्थल भी है जिसे देखने देश विदेश और राजस्थान की सैलानी आते है।
आइए जानते है जूनागढ़ के बारे में -
जूनागढ़ के किले का निर्माण राठौड़ वंश के शासक महाराजा रायसिंह के द्वारा सन 1594 ईस्वी में बनवाया गया वह स्वयं युद्ध अभियानों में रहने के कारण इसे प्रधानमंत्री करमचंद के सानिध्य में बना।
महाराजा रायसिंह बीकानेर के प्रथम शासक थे जिन्होंने महाराधिराज की उपाधिि ली। महाराज रायसिंह अकबर के मनसबदार थे।
जूनागढ़ के किले में प्रवेश द्वार सुरजपोल है और इस द्वार पर वीर जयमल मेड़तिया और फत्ता सिसौदिया की गजरूढ़ प्रतिमा लगी हुई है। ये दोनो वीर अकबर के 1568 के चित्तौड़ आक्रमण में अतुलनीय वीरता का प्रमाण दिया और वीरगति को प्राप्त हुए राजपूत शक्ति और साहस का उत्कर्ष ये दोनो वीर थे। इनकी वीरता का राजस्थान इतिहास में अहम स्थान है। इनकी प्रतिमा महाराजा रायसिंह द्वारा लगवाई गई।
फिर अगला दरवाजा करण पोल आता है जहा महाराजा रायसिंह की संस्कृत में 'जैता ' द्वारा लिखी रायसिंह प्रशस्ति है । जिसमे बीकानेर राठौर राज्य के बारे में रायसिंह की उपलब्धियों के बारे में विस्तृत वर्णन है ।
फिर जूनागढ़ दुर्ग में देखने योग्य स्थान...
गंगा निवास महल
करण महल
अनूप महल
शीश महल
बदलमहल
जूनागढ़ दुर्ग में गणेश जी का मंदिर भी है जिसे गढ़ गणेश मंदिर कहते है । साथ ही में 33 करोड़ देवी देवताओं के मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध हैं।जूनागढ गणेश जी मंदिर YouTube video
जूनागढ़ दुर्ग पहला दुर्ग है जहा लिफ्ट की व्यवस्था है।
तो दोस्तो अगर आप बीकानेर आते है तो बीकानेर जूनागढ़ किला का भ्रमण अवश्य करे राजस्थान के इतिहास आप नजदीक से देख पाएंगे।
प्रसिद्ध इतिहासकार ने जूनागढ़ के बारे में कहा है ' इस दुर्ग की तो दीवारे भी बोलती है
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