विज्ञान की दुनिया एक असीम असंख्य सीमा का ज्ञान है , जहा जा पाना और उसे पा पाना उसी तरह असंभव सा लगता है जैसे सूरज के पास जा पाना । अब आज का विज्ञान ब्रह्मांड के दूसरे संजीवो को खोजने में लगा है,और धरती के लगभग सभी अंतरिक्ष अनुसंधान वाले मंगल तक पहुंच चुके है । लेकिन अभी भी एलियन की खोज होना बाकी है जिसे अभी कपोल कल्पना ही माना है लेकिन सोचने की बात ये है की धरती पर मानव है उसी तरह इस ब्रह्मांड की कोई और धरती होगी और वहा के वासी भी होगे । और हो सके तो उनकी पहुंच अपनी धरती तक हो गई हो जो हमारे बीच ही रह रहे हो जैसे की जासूस ?? क्या जाने इसमें कितनी सचाई है या मेरी कल्पना बाकी उनकी कहानियां इन दिनों बहुत सी जगह सुनने में आती है सबसे ज्यादा अमेरिका तो क्या अमेरिका के एलियन से कोई संबंध या एलियन का उस धरती से सीधा जुड़ाव लगता है। सुनने में हैरान करता है की वहा की फिल्मों में इस तरह की चीज़े दिखाई गई है जैसे की "Men in black" और "Stranger things" में । बाकी आप अपनी राय जरूर बताएं ।
मोबाइल फोन पहले कीपैड आया करते थे और फिर स्मार्टफोन आने लगे दोनो ही फोन को चलते रहने के लिए ऊर्जा की आवश्कता है जो की उसे उसकी बैटरी से मिलती है।
पहले जब कीपैड फोन आते थे तब फोन की बैटरी कम पावर की होती थी क्योंकि कीपैड फोन केवल बात और मैसेज में उपयोग होते थे उनमें मल्टीटास्किंग न के बराबर होती थी सही मायने में होती ही नहीं थी। इसलिए उन फोन की बैटरी 700MaH तक की होती थी।
फिर स्मार्टफोन का टाइम आया तो मल्टीटास्किंग बढ़ी और ये बैटरी और फोन के स्क्रीन साइज भी बढ़ा गई जो अच्छा और बुरा दोनो ही था । क्योंकि जब बैटरी का साइज बड़ेगा तो उसकी पावर भी बढ़ेगी और ये बढ़ी पावर आपके फोन में रहती है जो की नुकसान पहुंचा सकती थी। तब तक रिमूवेबल बैटरी ही स्मार्टफोन में चल रही थी लेकिन बैटरी की काल सीमा के बाद वह अपनी कार्यक्षमता खो देती है इसलिए वो फूल जाती है और उसे बदलवाना होता है तो लोग ओरिजनल बैटरी की जगह डुप्लीकेट लगा लेते थे।
डुप्लीकेट बैटरी के घाटे नुकसान -
मोबाइल के साथ आई ओरिजनल बैटरी की जगह डुप्लीकेट बैटरी लगा देने से आपके स्मार्टफोन की कार्यक्षमता कम हो जाती है।
स्मार्टफोन की बैटरी ओरिजनल हो तो उसके ब्लास्ट होने के चांस बिलकुल भी नहीं है लेकिन डुप्लीकेट बैटरी के फटने के चांस बढ़ जाते है।
डुप्लीकेट बैटरी अधिक समय तक नहीं चलती है जल्दी ही खराब हो जाती है।
आखिर नॉन रिमूवेबल बैटरी क्यों आई -
जब स्मार्टफोन के डुप्लीकेट बैटरी फटने की घटनाए बड़ने लगी और इससे कंपनियों को हानि होने लगी तो उन्होंने बैटरी नॉन रिमूवेबल कर दी जिससे की अगर आपके फोन की बैटरी खराब होती है तो आपको उसे उसी कंपनी की बैटरी लगानी होगी और यह आप कंपनी के स्टोर से ही करवाना होगा जिससे बैटरी ओरिजनल ही लगेगी और कंपनियों का फायदा और ग्राहक की सुरक्षा बनी रहेगी।
इसीी का की वजह से बैटरी के आकार और प्रकार में परिवर्तन आए।
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