The Reason behind Most of Smartphone didn't come with These Batteries ( Tech tips and Tricks )

मोबाइल फोन पहले कीपैड आया करते थे और फिर स्मार्टफोन आने लगे दोनो ही फोन को चलते रहने के लिए ऊर्जा की आवश्कता है जो की उसे उसकी बैटरी से मिलती है।
पहले जब कीपैड फोन आते थे तब फोन की बैटरी कम पावर की होती थी क्योंकि कीपैड फोन केवल बात और मैसेज में उपयोग होते थे उनमें मल्टीटास्किंग न के बराबर होती थी सही मायने में होती ही नहीं थी। इसलिए उन फोन की बैटरी 700MaH तक की होती थी।
फिर स्मार्टफोन का टाइम आया तो मल्टीटास्किंग बढ़ी और ये बैटरी और फोन के स्क्रीन साइज भी बढ़ा गई जो अच्छा और बुरा दोनो ही था । क्योंकि जब बैटरी का साइज बड़ेगा तो उसकी पावर भी बढ़ेगी और ये बढ़ी पावर आपके फोन में रहती है जो की नुकसान पहुंचा सकती थी। तब तक रिमूवेबल बैटरी ही स्मार्टफोन में चल रही थी लेकिन बैटरी की काल सीमा के बाद वह अपनी कार्यक्षमता खो देती है इसलिए वो फूल जाती है और उसे बदलवाना होता है तो लोग ओरिजनल बैटरी की जगह डुप्लीकेट लगा लेते थे।

डुप्लीकेट बैटरी के घाटे नुकसान -
मोबाइल के साथ आई ओरिजनल बैटरी की जगह डुप्लीकेट बैटरी लगा देने से आपके स्मार्टफोन की कार्यक्षमता कम हो जाती है।
स्मार्टफोन की बैटरी ओरिजनल हो तो उसके ब्लास्ट होने के चांस बिलकुल भी नहीं है लेकिन डुप्लीकेट बैटरी के फटने के चांस बढ़ जाते है।
डुप्लीकेट बैटरी अधिक समय तक नहीं चलती है जल्दी ही खराब हो जाती है।

आखिर नॉन रिमूवेबल बैटरी क्यों आई -
जब स्मार्टफोन के डुप्लीकेट बैटरी फटने की घटनाए बड़ने लगी और इससे कंपनियों को हानि होने लगी तो उन्होंने बैटरी नॉन रिमूवेबल कर दी जिससे की अगर आपके फोन की बैटरी खराब होती है तो आपको उसे उसी कंपनी की बैटरी लगानी होगी और यह आप कंपनी के स्टोर से ही करवाना होगा जिससे बैटरी ओरिजनल ही लगेगी और कंपनियों का फायदा और ग्राहक की सुरक्षा बनी रहेगी।
इसीी का की वजह से बैटरी के आकार और प्रकार में परिवर्तन आए।

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