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क्या दूसरे ग्रह के लोग धरती पर मौजूद है या थे ??

विज्ञान की दुनिया एक असीम असंख्य सीमा का ज्ञान है , जहा जा पाना और उसे पा पाना उसी तरह असंभव सा लगता है जैसे सूरज के पास जा पाना ।  अब आज का विज्ञान ब्रह्मांड के दूसरे संजीवो को खोजने में लगा है,और धरती के लगभग सभी अंतरिक्ष अनुसंधान वाले मंगल तक पहुंच चुके है । लेकिन अभी भी एलियन की खोज होना बाकी है जिसे अभी कपोल कल्पना ही माना है लेकिन सोचने की बात ये है की धरती पर मानव है उसी तरह इस ब्रह्मांड की कोई और धरती होगी और वहा के वासी भी होगे । और हो सके तो उनकी पहुंच अपनी धरती तक हो गई हो जो हमारे बीच ही रह रहे हो जैसे की जासूस ?? क्या जाने इसमें कितनी सचाई है या मेरी कल्पना बाकी उनकी कहानियां इन दिनों बहुत सी जगह सुनने में आती है सबसे ज्यादा अमेरिका तो क्या अमेरिका के एलियन से कोई संबंध या एलियन का उस धरती से सीधा जुड़ाव लगता है। सुनने में हैरान करता है की वहा की फिल्मों में इस तरह की चीज़े दिखाई गई है जैसे की "Men in black" और "Stranger things" में । बाकी आप अपनी राय जरूर बताएं ।

दही खाने के लाभ, नमक मिला के कभी न खाये ( curd nutrition )

स्वस्थ जीवन स्वस्थ खानपान से ही शुरू होता है यदि आप अपने जीवन को रोगों से बचाना है तो स्वस्थ खानपान की आदत डाल लेनी चाइये तो आज आपको दही के खानपान का उचित तरीका बतायेगे दही का खानपान - दही स्वास्थ्य का हितकारी है। यदि व्यक्ति रोज एक कटोरी दही खाता है तो उसकी पाचन क्रिया सही रहती है। दही में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन पाए जाते हैं। लेकिन आप दही किस तरह खा रहे हैं, यह भी मायने रखता है। बहुत सारे लोग दही में नमक डाल कर खाना पसंद करते हैं। लेकिन यहां दही और नमक से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे। दही एक प्रकार की आयुर्वेदिक औषधि है जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद सिद्ध होती है। लेकिन दही में हमें भूल से भी नमक मिलाकर नहीं खाना चाहिए। दही को हमेशा मीठी चीजों जैसे कि चीनी, गुड़, बूरा, मिश्री आदि के साथ खाना चाहिए। दही के अंदर के बैक्टिरिया ( गुड बैक्टिरिया ) - दही में ऐसे कई बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जिसे किसी मैग्निफाइंग ग्लास के साथ या लेंस के साथ देखें तो हमें उस पर हजारों बैक्टीरिया तैरते नजर आएंगे। गौरतलब है कि यह सभी बैक्

योग दिवस : ऐसा योग जो आपके सारे रोगों को मिटने में सहायक हैं

अनुलोम विलोम, एक तरफ की नासिका से श्वास लेना दूसरी को बंद करके, फिर एक पल ठहर कर पहली नासिका को बंद कर बेहद धीमी गति से दूसरी नासिका से श्वास छोड़ना। फिर दूसरी से श्वास लेना, ठहरना और पहली से छोड़ देना। कम से कम दस बार करें।  ये इतना सरल है कि कोई बीमार व्यक्ति भी सोए हुए कर सकता है।कई बीमारियों में फायदेमंद है, जैसे तनाव, उच्च रकतचाप, गठिया, हृदय की बीमारियों में, साइनस। इसके कोई दुष प्रभाव नहीं है।

अमेरिकी महिला लेक्सी अलफोर्ड सबसे कम उम्र की विश्व भ्रमण करने का गिनीज़ रिकॉर्ड

क्या आप घूमने के शौकीन है बेशक आप होंगे ही परंतु इतने भी नही की आप 21 बरस की उम्र में 200 के करीब देशो की सीमाय नाप लो जी हां !! (Twitter picture of Lexie Alford) अमरीका की लेक्सी अल्फोर्ड जो की अभी अपने पढाई पूरी कर चुकी है और पढ़ रही है सेर सपाटे और नई दुनिया जो अभी अनदेखी है उसकी इतनी शोकीन निकली की 196 देशो को घूम आई है ।  लेक्सी अपने इस ट्रिप को गिनीज़ बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में भी दर्ज़ करवाना चाहती है ताकि उनके इस महा  सैर से सभी परिचित हो जाये । वेसे अभी सबसे ज्यादा देशो में घूमने का रिकॉर्ड अमरीका की ही केसी दे पेकल के नाम दर्ज़ है । और पुरुषो में जेम्स अस्किथ के नाम है जो की इंग्लैंड से है । 'देश और दुनिया , विचित्र है कइयों को नसीब न हो पास का शहर कोई नाप ले डगर ओ डगर'

Black Holl ऐसी जगह जहाँ से प्रकाश भी न निकल पाये

Black holl काला विवर एक ऐसी अनंत ऊर्जा का स्त्रोत जिसे हम इस तरह समझ सकते है की कोई भी ववस्तु प्रकाश उसके क्षेत्र में आने पर उससे निकल न पाये ब्लैक हॉल से बाहर निकलने का पलायन वेग अनन्त है और यह प्रकाश के वेग से भी ज्यादा है तो ये अनंत ऊर्जा का अति लघु क्षेत्र में समाया हुआ द्रव्य है जो न की अवशोषित करता है यह सब चूस जाता है । विज्ञान के बारे में जाने सामान्य सापेक्षता  में, अंतरिक्ष-समय की वक्रित प्रकृति और विभिन्न निर्देशांकों के चयन की वजह से r निर्देशांक को परिभाषित करना सरल नहीं है। इस परिणाम के सत्य होने के लिए, r की वेल्यू को इस प्रकार परिभाषित करना चाहिए ताकि वक्रित अन्तरिक्ष समय में r त्रिज्या एक स्फियर के A सतही क्षेत्र को अभी भी इस फार्मूला द्वारा प्रकट किया जा सके {\displaystyle A=4\pi r^{2}} r की इस परिभाषा से कोई अर्थ तभी निकलता है जब गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र स्फेरिकली सममित हो, ताकि वहां एक के ऊपर एक कई सियार हों जिनपर एकसमान गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र हो। कोई भी आकार जिसका विस्तार सिमित नही है यह सूर्य की ऊर्जा की तरह अन्त हिन् है। किसी वस्तु के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बच

क्या होगा जब हम प्रकाश की रफ़्तार से तेज़ हो

क्या आपको अज़ीब लगा की प्रकाश की रफ़्तार से तेज़ कोई हो सकता है  ... सुनने में यह अपने को लग सकता है की हा कोई ऐसी चीज़ चल भी पाये पर प्रकाश की रफ़्तार के बारे में जान लीजिये फिर बताइये तो प्रकाश की गति होती है 300000000 m/sec  यानि हर एक सेकंड में लाइट इतनी दुरी तय कर जाती है current affair for upsc,ssc अब आप बताइये की ये मुमकिन है अब आप कहेगे नही सही है ये मुमकिन किसी सॉलिड द्रव्यमान की वस्तु के लिए उतना ही नाममुंकिन है जितना की चाँद पर हवा तो अब ये मुमकिन कैसे हो सकता है ऐसी वस्तु का निर्माण जिसका द्रव्यमान स्थिर होने पर न हो गतिमान होने पर अल्प हो जाये और उसके द्वारा ऊर्जा की उत्पत्ति स्वयं हो तो यह मुमकिन है पर ये होना आज के विज्ञान में संभव नही है ऊर्जा की निर्माण के लिए स्त्रोत होगा ही होगा और उस ऊर्जा का स्त्रोत का द्रव्यमान भी होगा और वह भार उस वस्तु को धीमा कर देगा सापेक्ष रूप में कहे तो यह हवा से एनर्जी ले तो भी यह अपने भार में वृद्धि करेगी लेकिन यदि हम इस स्त्रोत ढूंढे जो न अपने निर्गत से ऊर्जा ले साथ में ऊर्जा मान नियत रहे तो ये मुमकिन  है तब ये संभव हो पायेगा... तब तक प