राजस्थान की धरती क्षत्रिय की धरती रही है और कण कण में स्वाभिमान और मिट्टी के प्रति प्रेम है। राजस्थान की राजधानी जयपुर से कुछ 400 से 500 km की दूरी पर राजस्थान के सोने की नगरी यानी स्वर्णनगरी जैसलमेर स्थित है जो भाटी राजपूतों की रियासत थी।
इस सिटी का नाम स्वर्णनगरी इसके पीले संगमरमर से बने आलीशान महलों इमारतों से हुआ है इस शहर में सभी घर पीले संगमरमर से बने है जो चमकती धूप में सोने का अहसास दिलाते है।
भाटी राजाओं ने आज से 865 साल पहले इसे बसाया और सोनार किला बनवाया । सोनार किला के भीतर जैन टेंपल और अन्य कई हवेलियां है और इस किले के भीतर एक पूरा शहर बसा है यह राजस्थान का दूसरा बड़ा किला है।
Jain Temples of Jaisalmer -
पतली पतली इसकी गलियों से होते हुए जैन टेंपल के समूह आता है जो अपनी नक्काशी , स्थापत्य और मूर्तिकला के लिए जाना जाता है इसकी स्थापत्य और भवन निर्माण अदभुत है यह भगवान महावीर जी का मंदिर है और इसकी स्थापत्य देखते ही बनती है।
इन मंदिरों का निर्माण 400 से 600 साल के बीच माना जाता है। यह मंदिर किले के दर्शनीय स्थलों में एक है।
स्थापत्य और अदभुत सौंदर्य इस मंदिर की दीवारों पर उत्कृष्टता की ऊंचाइयों को छूती है। अगर आप जैसलमेर घूमे तो इसे जरूर देखे।