"मेहनतकश" सफ़र ज़िंदगी का : Black holl


मेहनतकश
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       'दिन की छाव भी प्यारी लगती है पर जब देखते है परिवार का चेहरा तपना पड़ता है  भरी दोपहर में'
   'कहने को तो ज़ुर्म में जुर्माना भरते है यहा ख़ुशी के लिए जिंदगी के पलों का जुर्माना भरा जा रहा है'
   'ज़िन्दगी चली गयी यही सोचते आखिर ये ख़ुशी कहते किसे है'
    'इसी भ्रम में चली गयी आधी जिंदगी की आने वाला कल हसीन होगा'
  'मेरा एक सपना है देखु तुझे सपनो में .... लेकिन कमबख्त नींद ने ही रास्ता छोड़ दिया हमारे आखो के रास्तो से....'
'ये पल दो पल की खुशियो के सहारे ही काट दी ज़िन्दगी पता नही कभी घंटे भी बीतेंगे इन खुशियो में'
'कौन कहता है ज़नाब मन नही करता अपनों के साथ रहने का उन्ही की ख्वाशिश के लिए ही हर पल जुदाई सहनी पड़ती है'
  'वक़्त बदलेगा ...जब .....???'
  'मिलेगे ज़िन्दगी के उस छोर पर जब तुम अपने नही होंगे और हम तुम्हारे'
   'ये प्रीत पराई दोस्तों...... दोस्तों....हमे कहा ले आई.....
'दिन की छाव भी प्यारी लगती है पर जब देखते है परिवार का चेहरा तपना पड़ता है  भरी दोपहर में'
   'कहने को तो ज़ुर्म में जुर्माना भरते है यहा ख़ुशी के लिए जिंदगी के पलों का जुर्माना भरा जा रहा है'
   'ज़िन्दगी चली गयी यही सोचते आखिर ये ख़ुशी कहते किसे है'
    'इसी भ्रम में चली गयी आधी जिंदगी की आने वाला कल हसीन होगा'
  'मेरा एक सपना है देखु तुझे सपनो में .... लेकिन कमबख्त नींद ने ही रास्ता छोड़ दिया हमारे आखो के रास्तो से....'
'ये पल दो पल की खुशियो के सहारे ही काट दी ज़िन्दगी पता नही कभी घंटे भी बीतेंगे इन खुशियो में'
'कौन कहता है ज़नाब मन नही करता अपनों के साथ रहने का उन्ही की ख्वाशिश के लिए ही हर पल जुदाई सहनी पड़ती है'
  'वक़्त बदलेगा ...जब .....???'
  'मिलेगे ज़िन्दगी के उस छोर पर जब तुम अपने नही होंगे और हम तुम्हारे'
   'ये प्रीत पराई दोस्तों...... दोस्तों....हमे कहा ले आई.....

नोट:ये कहानी एक लक्ष्मी नाम की लड़की की है

एक बेटी की कलम से हर पिता को समर्पित__

__________मैं बेटी हूँ बोझ नहीं ___________

यह सब मैं इसलिए कह रही हूँ क्योंकि ऐसा मैं फील करती हूँ। एक लड़की थी जब उसका जन्म होने वाला था तब उसके दादा दादी और घर के रिश्तेदार जश्न की तैयारी कर रहे थे क्योंकि उन्हें लगता था कि लड़का होगा पर ऐसा नहीं था, लड़की हुई। जब लोगों ने उसे देखा और जिस नाम से उसे पुकारा वो था – “कुलक्ष्मी”

अपशगुनी नाम सुनने में अजीब लग रहा है ना लेकिन वो लड़की मुस्कुरा रही थी अपना नया नाम सुनकर, सोच रही थी कि किसी जन्नत में आ गयी हूँ मैं। लेकिन लोग मुझे छू भी नहीं रहे हैं ऐसा लगता है मानो मुझे कोई बीमारी है। जो जश्न मनाने आये थे वो भी चले गए। मुझे लोग मारना चाह रहे थे सोच रहे थे, लड़की हूँ और बदनामी के सिवा दे भी क्या सकती हूँ।

केवल एक इंसान जो मेरा पूरा साथ दे रहा था, वो थी मेरी माँ। जिसने मुझे दुनिया की नजरों से बहुत दूर भेज दिया, दुनिया की नज़रों में तो मैं मर चुकी थी लेकिन मैं तो अनाथालय में थी। मेरा भरा पूरा परिवार था लेकिन फिर भी मैं अनाथालय में थी कितना अजीब है ना।

ऐसा कोई दिन नहीं जाता था जब मेरी माँ मुझसे मिलने ना आती हो और मुझे दूध ना पिलाती हो। मेरी पूरी देख रेख करती थी मेरी माँ और परिवार वालों से झूठ बोलती थी कि मैं अपने सहेली से मिलने जा रही हूँ। हर रोज माँ नए बहाने बनाती थी।

एक दिन मुझे तेज बुखार हो गया और उस दिन माँ पूरे दिन मेरे साथ रही और मुझे सुलाकर ही वापस घर गयी। पापा ने पूछा कि इतनी देर कैसे हो गयी तो वो बोलीं कि मेरी सहेली की तबियत खराब थी और मैं उसकी मदद करा रही थी। पापा ने गुस्से में उस दिन मम्मी की पिटाई भी की। माँ दर्द सह रही थी लेकिन फिर भी मुझे छिपा रही थी उसे लगता था कि मैं तो बच्ची हूँ, मैं क्या समझूँगी लेकिन ऐसा नहीं था मैं सब समझती थी।

मैंने भी सोच लिया कि सब जानकार रहूंगी। मैं मैडम के पास गयी और बहुत रिक्वेस्ट करने पर उन्होंने मुझे सब कुछ बता दिया। यह सब सुनकर मुझे बहुत गुस्सा आया, मैंने तभी सोच लिया कि कुछ अलग करके दिखाना है।

कुछ बड़ी हुई तो मैंने बॉक्सिंग क्लब ज्वाइन कर लिया। जब 18 साल की हुई तो मुझे स्टेट चैम्पियन का ख़िताब मिला। दो महीने बाद मेरा एक पाकिस्तान की लड़की ने नेशनल मैच था। जब मिडिया मेरा इंटरव्यू लेने आयी तो मेरी माँ का फोन आया और वो बेचारी बोलीं कि बेटी, अपने कृप्या परिवार की बुराई मत करना। मुझे तो हंसी आ रही थी कि मेरी माँ आज भी अपने परिवार को बचा रही थी। मैंने इंटरव्यू दिया और पूरी जनता ने टीवी पर वो इंटरव्यू सुना। शाम को माँ ने बताया कि टीवी देखते हुए पापा बोल रहे थे कि वाह क्या लड़की है, कितना नाम रौशन कर रही है अपने माता पिता और परिवार का।

वो लोग तो मुझे छोड़कर चले गए थे यह कहकर कि मैं कुलक्ष्मी हूँ। आज वो लोग मेरे से मिलना चाहते थे और मेरे साथ फोटो खींचना चाहते थे लेकिन आज भी वो मेरी पहचान से अनजान थे कि मैं कौन हूँ।

ठीक दो महीने बाद, नेशनल चैम्पियनशिप का मैच हुआ और वो सभी मुझे देखने आये थे। बहुत सारे लोग मैच देखने आये थे और सभी बोल रहे थे – “you can do it” लेकिन मेरी नजरें उस भीड़ में अपने परिवार को तलाश रही थीं। दूर भीड़ में मुझे मेरा परिवार नजर आया उनको देखते ही मेरे अंदर गुस्सा भर गया और सारा गुस्सा मैंने अपने प्रतिद्वंदी पर निकाल दिया और वो नेशनल ख़िताब अपने नाम कर लिया।

फिर क्या, सभी मुझमें interested हो गए, लोग मुझसे मेरे परिवार के बारे में पूछने लगे। बहुत मजबूर होकर मैंने बताया कि मैं वो लड़की हूँ जिसे 20 साल पहले मार दिया गया था जिसे सबसे पहला नाम “कुलक्ष्मी” दिया गया था। मेरे पूरे परिवार की आँखें नम हो चुकी थीं।

तभी दूर भीड़ में से भागकर कोई मेरे पास आया और मुझे बेटी कहकर पुकारा, ये सब मानो मेरे लिए कोई सपने जैसा था, जो बचपन का प्यार मैंने खो दिया था, वो अचानक ही मुझे मिल गया और उसने मुझे गले लगाकर सभी से कहा – “यह मेरी बेटी है” जिसने मुझे पिता बनने का हक़ दिलाया। सभी लोग मेरे से माफ़ी मांग रहे थे।

जब मैंने जन्म लिया तब मैं केवल एक लड़की थी
लेकिन आज मैं एक बेटी हूँ,
अब मैं अपने आँगन की तुलसी बन चुकी हूँ,
अपने घर की मुस्कान बन चुकी हूँ
मैं बेटी बन चुकी हूँ……

यह कहानी थी मुझ कुलक्ष्मी की जिसने मुझे अपने घर की लक्ष्मी बनाया….. और मेरी माँ इस कहानी की सबसे महत्वपूर्ण पात्र थी।

होती नहीं बेटियां हर किसी की चाह में
जहाँ ना सोचा हो पहुँच जाती हैं उस राह में
जिसने उन्हें पैदा होते ही मार दिया हो
समझो उसने अपनी बदल रही किस्मत को ठुकरा दिया………

दोस्तों बिल्कुल सही बात कही है बेटी ने कि बेटी हूँ बोझ नहीं, आज के समाज में सभी लोगों को इस हकीकत को अपनाना होगा तभी महिला सशक्तिकरण का सपना पूरा होगा। आपको ये कहानी कैसी लगी और आप इसके बारे में क्या कहना चाहते हैं, ये सब बताने के लिए आप नीचे लगे कमेंट बॉक्स में  अपना कमेंट लिखकर हमें भेज दीजिये

धन्यवाद!!!

जय श्री कृष्णा___🙏

Atal Bihari Vajpayee Poem&speeches, motivational Quates । Life Changing Quotes


25 दिसंबर 1924 को भारत रत्न 'अटल जी' का जन्म ग्वालियर में हुआ प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर से लेकर बाजपेयी जी ने आगे की शिक्षा कानपुर से ली लेकिन बाजपेयी जी का कविता और लेखन में ज्यादा मन था और राजनीती में परिवर्तन लाना चाहते थे और इसी तरह वे राजनीती में चले आये

 अटल जी कहते थे 'यही कलम है जो रजनीत्ति से उन्हें मलहम का काम करती है यही मेरे विचार प्रकट करती है'
अटल जी 'जनसंघ' से जुड़े और फिर जनता पार्टी से और वे कदावर नेता बन गए अपनी साफ़ छवि और निष्पक्ष विचार के कारण अटल जी पक्ष और विपक्ष में समान रूप से आदरणीय थे वे पहले ऐसे नेता थे जिन्हें इतना सम्मान मिला था वे अपनी कविताओ से सभी सभा सदस्यों को हँसा खिलखिला देते थे
 अटल जी भारत के प्रधानमंत्री पद पर तीन बार निर्वाचित हुए
उन्ही के कार्यकाल में भारत ने परमाणु परिक्षण किया और उन्होंने लाहौर यात्रा बस द्वारा की परंतु उसी के कुछ महीनो बाद कारगिल युद्ध छिड़ गया और भारत उसमे विजय हुआ
 अटल जी कहते थे की 'आप दोस्त बदल सकते हो पर पडोसी नही' अटल जी पाकिस्तान से रिश्ते सुधरने के पक्ष में थे अटल जी की सरकार 2004 के चुनाव में हार गई और कांग्रेस का सरकार बनी लेकिन तभी से अटल जी सक्रिय राजनीती से किनारा किआ और उनकी सेहत भी सही नही रहती थी और स्ट्रोक के बाद तो उनका स्वास्थ्य बेहद खराब रहने लगा और 16 अगस्त 2018 को देश के प्रिय जनता के चहिते राजनेता जननायक का अतिंम साँस ली उनकी अंतिम संस्कार में लाखो की संख्या में लोग पहुचे और फेसबुक सोशल मीडिया अटल जी की शोक की खबर से भर गया





अटल जी कहते थे "छोटे मन से कोई बड़ा नही होता, टूटे मन ज़े कोई खड़ा नही होता"
 अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि #जयहिंद
#atalji

  1. #missyou


Motivational Quates New 7+ Hd Good Morning Wallpaper : black holl

'Every day start with a cute face by watching melodies Wallpaper and motivational quates that share happiness and spread love.

'Have A nice cute and marvelous day wishes from your friend'
 #good #morning
Every quates tells a story you have knowledge to understand them
 फूलो का पत्तो का सहारा है यह हिंदुस्तान हमारा है



क्या दूसरे ग्रह के लोग धरती पर मौजूद है या थे ??

विज्ञान की दुनिया एक असीम असंख्य सीमा का ज्ञान है , जहा जा पाना और उसे पा पाना उसी तरह असंभव सा लगता है जैसे सूरज के पास जा पाना ।  अब आज का...